चतरा : पीएम आवास योजना में बड़ा घोटाला, फर्जी फोटो की मदद से निकाले गए है लाखों रुपये ।।

आवास योजना का प्रखण्ड समन्वयक नाजिर अख्तर का सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में ग्रामीणों द्वारा तीस-तीस हजार रुपये लेने का आरोप का वीडियो हुआ वायरल ।।

ग्रामीणों ने भी आवेदन में आवास योजना के नाम पर मोटी राशि बतौर घुस लेने तथा आवास योजना की राशि डकारने का किया है जिक्र ।।

राष्ट्रीय शान

चतरा । जिले में सरकारी योजनाओं में भारी गड़बड़ियां, घपला, घोटाला और फर्जीवाड़ा का मामला कोई नई बात नहीं है । पहले भी कई मामलों का खुलासा हुआ और दोषियों को पेनाल्टी भरवाकर मामले में रफा दफा कर दिया गया । अब कर्मी भी यह जान गए है कि अगर घपला , घोटाला उजागर भी हो जाएगा तो पेनाल्टी देकर बचते रहेंगे । गरीब लाभुकों का पक्के घर मे रहने का सपना सरकार के नौकरशाह ही दीमक की तरह खोखला कर खाने का काम कर रहे है । सबसे आश्चर्य की बात है कि हंटरगंज के आवास योजना का प्रखण्ड समन्वयक कर्मी के द्वारा आवास देने के नाम पर बीस से तीस हजार रुपये लेने का आरोप आयोजित आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार कार्यक्रम में मुखिया पति सहित ग्रामीण लगा रहे है,जिसका वीडियो वायरल हुआ है । इसके बावजूद इस मामले में जिला प्रशासन के द्वारा दोषियों पर करवाई नहीं किया जाना सवाल खड़ा करता है ।

जिले का सबसे बड़ा पंचायत का प्रखण्ड हंटरगंज में पीएम आवास योजना में बड़े फर्जीवाडे़ का खुलासा हुआ है । शिकायत के मुताबिक करैलीबार पंचायत के विभिन्न गांवों में फर्जी जियो टैग फोटो का इस्तेमाल कर लाखों रुपये का भुगतान करा लिया गया गया । भुगतान पूरा होने के बाद ये खुलासा हुआ कि यहां पर स्वीकृत हुए पीएम आवास योजना के मकानों में से ज्यादातर मकान तो अभी अधूरे पड़े हैं । कई लाभार्थी तो ऐसे है जिनका मकान कागजों पर बन गया और वो अभी भी कच्चे मकानों में रह रहे हैं ।

फर्जी जियो टैग फोटो का इस्तेमाल किए जाने की खबर की जब पड़ताल हुई तो, पता चला कि मकान का काम अधूरा होने के बावजूद भी मकान के लिए मिलने वाली पूरी राशि निकाल ली गई है । फर्जीवाड़ा करने के लिए पोर्टल पर फर्जी फोटो अपलोड तथा मजदूरों के नाम राशि निकासी कर धोखाधड़ी का खेल खेला गया है । आरोप है कि इस पूरे खेल का मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि पंचायत सचिव , रोजगार सेवक और बिचौलिया है । दोनों ने मिलकर अफसरों को भी इस गोलमाल में शामिल किया और पैसे की निकासी करा ली । अब लाभार्थी को ये तक नहीं पता कि उसके नाम पर पैसे भी निकाल लिए गए हैं । अगर भविष्य में लाभार्थी अपना मकान बनाना भी चाहे तो उसके लिए मुश्किल है । इस मामले में ग्रामीणों ने न्याय के लिए वरीय अधिकारियों को आवेदन दिया है । ग्रामीणों ने आवेदन में लिखा है कि ……

उपर्युक्त विषय के संबंध में अंकित करना है कि पंचायत सचिव संजित यादव दो-दो पंचायत के प्रभार में है और दोनो पंचायत में PM आवास में लुट मचाये हुए हैं। एक-एक लाभुक से तीस-तीस हजार रू० का वसुली किये हैं और इनके साथ मिलीभगत प्रखण्ड में PM आवास का प्रखण्ड समन्वयक नाजिर अख्तर द्वारा 30-30 हजार लेकर पैसे का बंदरबाट किया गया है और लाभुक का PM आवास का नींव तक भी नहीं रखा गया है और पूरा का पूरा पैसा का भी निकासी कर लिया गया है। वैसे पीडित लाभुकों का नाम निम्नवत है:-

नाम/रजिस्ट्रेशन/ID

  1. गायत्री देवी JH149954877 BPL ID ग्राम 149954877-1 बकाईन पंचायत करैलीबार
  2. सुरजी देवी JH143386507 143386507- 1 बकाईन करैलीबार

3- जठन भुईया JH17001-PMAYG-1-1-1408569

4 . मथुरा महतो -कुरीद करैलीबार

स्वंय सेवक राजेन्द्र महतो के द्वारा उक्त पंचायत सेवक व बडा बाबू को बोला गया कि कार्य का नींव भी नही पडा है तो दलिल दिया गया कि उपायुक्त महोदय का आदेश है कि आवास बने या नहीं बने पैसा सब निकासी कर लिजिए एवं लाभुको से इसके पश्चात 30-30 हजार रू. की वसुली की गई। संजित यादव के द्वारा ऐसे-ऐसे कितने PM आवास कि राशि निकासी कर खा के डकार गये हैं और एक नहीं दो-दो पंचायत करमा और करैलीबार में इनके द्वारा कुकृत्य किया गया है। पंचायत सचिव के ऐसे कई कारनामें है जिसका जांचोपरांत खुलासा हो जाऐगा। साथ ही पंचायत सचिव संजित यादव द्वारा 14 वे वित्त एवं 15 वें वित्त की राशि बिना कार्यकारिणी का बैठक कराये ही मुखिया से सिर्फ हस्ताक्षर करा कर पैसा डकार लिया जा रहा है। यह सभी कार्य करैलीबार के मुखिया के मात्र साक्षर होने के कारण नाजायज फायदा पंचायत सचिव संजित यादव द्वारा उठाया जा रहा है। अतः श्रीमान से अनुरोध है कि पंचायत सचिव संजित यादव के उपर उच्चस्तरीय जाँच कराते हुए कठोर से कठोर सजा दी जाय ताकि ऐसे भ्रष्टाचारी पंचायत सचिव से आम जनता को छुटकारा मिल सके ।

अब जरा सोचिए कि इस पंचायत सचिव का गमन करने के बाद भी इतना मनोबल क्यूँ बढ़ा हुआ है …

विश्वस्त सूत्रों की माने तो तत्कालीन बीडीओ द्वारा इस पंचायत सचिव के गलत कार्यशैली की जानकारी मिलने पर इसका ट्रांसफर किसी अन्य पंचायत में कर दिया गया था पर सरकार के एक मंत्री की पैरवी ने इसे उसी पंचायत में लूटने की छूट फिर से दे दी गई । ऐसे में पंचायत सचिव सरकार के उस मंत्री का नाम लेकर ग्रामीणों को धौस दिखाता है तथा पंचायत में लूट का तांडव मचाये हुए है । हालांकि इस मामले में उपायुक्त दोषियों के विरुद्ध कड़ी करवाई करेंगे ये भरोसा ग्रामीणों में है ।अब देखना है कि दोषियों पर करवाई होती है या मंत्री जी के पैरवी से बचता रहेगा ।

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