मयूरहंड (चतरा) । मंगलवार को प्रखंड कार्यालय के गेट के सामने कान्यकुब्ज ज्योतिषी ब्राह्मण समाज ने संस्कृत भाषा को अनिवार्य रूप से लागू कराने की मांग को लेकर एक दिवसीय धरना दिया। धरने के बाद सात सूत्रीय मांगों से संबंधित ज्ञापन बीडीओ को सौंपा गया।
ज्ञापन के माध्यम से सात सूत्रीय निम्नलिखित मांगें उठाई गईं….
- झारखंड के सभी विद्यालयों और महाविद्यालयों में संस्कृत विषय का पठन-पाठन अनिवार्य किया जाए।
- संस्कृत कर्मकांड को बढ़ावा देने के लिए हर विद्यालय और महाविद्यालय में संस्कृत शिक्षकों और व्याख्याताओं की नियुक्ति की जाए।
- चतरा जिले में कर्मकांड विप्र भवन के लिए सरकारी जमीन उपलब्ध कराई जाए।
- परशुराम जयंती के दिन सरकारी अवकाश घोषित किया जाए।
- सनातन धर्म की रक्षा के लिए सभी विद्यालयों में गीता पाठ की शुरुआत की जाए।
- भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए संस्कृत शिक्षा को झारखंड समेत पूरे देश में अनिवार्य रूप से लागू किया जाए।
- झारखंड में एक संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना की जाए।
इस अवसर पर प्रमुख लोग आचार्य पंडित भैरव शास्त्री, धनंजय कुमार शर्मा, नंदलाल पांडेय, नंदकिशोर पांडेय, विकास पांडेय, बिरेंद्र पांडेय, शिवपूजन पांडेय, रामखेलावन शर्मा, नरेश पांडेय, नीरज कुमार पांडेय, शंकर पांडेय, मुरारी पांडेय, यशवंत पांडेय, परमानंद पांडेय, संजय पांडेय, राजन पांडेय, कृष्ण देव पांडेय, अजय शर्मा, संतोष पांडेय सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
धरना के दौरान वक्ताओं ने कहा कि संस्कृत केवल एक भाषा नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की आत्मा है। इसे बचाने और संरक्षित करने के लिए सरकारी स्तर पर ठोस कदम उठाना आवश्यक है।