सरहुल सिर्फ एक त्यौहार नहीं , बल्कि प्रकृति से एक जुड़ाव का प्रतीक है : सत्यानन्द भोक्ता उद्योग मंत्री , झारखण्ड

रांची । राज्य के ऊर्जावान उद्योग मंत्री सत्यानन्द भोगता शनिवार को खिजरी विधानसभा क्षेत्र के अनगड़ा प्रखण्ड में प्रकृति पर्व सरहुल के शुभ अवसर पर सरना धर्मावलंबियों के आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इस दौरान मंत्री श्री भोगता ने सरना धर्मावलंबियों को अबीर गुलाल लगाकर एवं ढ़ोल नगाड़े मांदर बजाकर सभी को बधाई व शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम में मंत्री सत्यानन्द भोक्ता शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और यह बताती है कि प्रकृति पर्व सरहुल का आदिवासी समाज में कितनी अहमियत है । उन्होंने कहा कि सरहुल सिर्फ एक त्यौहार नहीं है बल्कि प्रकृति से एक जुड़ाव का प्रतीक है । जल-जंगल और जमीन है तभी हमारा वजूद है । प्रकृति को अगर हम संरक्षित नहीं कर पाएंगे तो हमारे बाद आने वाली पीढ़ी को कई बड़ी-बड़ी मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा । ऐसे में प्रकृति के साथ छेड़छाड़ को रोकना होगा और इसके लिए हम सबको आगे आना होगा । श्रम मंत्री ने कहा कि गांवों की तरह शहर भी हरा-भरा रहें । इस दिशा में हमें सामूहिक प्रयास करने की काफी जरूरत है । उन्होंने कहा कि सामाजिक धरोहरों को अखंडता अक्षुण्ण रखने में समाज को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी । सरकार के प्रयास साथ ही आपके योगदान से ही हम अपने सामाजिक और धार्मिक धरोहरों को अलग पहचान दे सकते हैं । श्री भोक्ता ने कहा सरहुल एक प्रकृति पर्व है जो हमें प्रकृति से जोड़े रखता है और इसके साथ ही यह अपनी समृद्ध परंपरा और संस्कृति का सुखद अहसास भी कराता है । कारण यही है कि आदिवासी समाज सदियों से प्रकृति पूजा की परंपरा को निभाते चले आ रहे हैं ।

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