चतरा । सोमवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत उच्चस्तरीय वन विभाग की टीम ने वृंदा- सिसई कोल परियोजना क्षेत्र के भौगोलिक स्थितियों का निरीक्षण करने हेतु पीसीसीएफ शशिकर सामंता,आरसीसीएफ सतीश चंद्र राय, सीएफ सरोज भाई पटेल , दक्षणी वन प्रमंडल पदाधिकारी मुकेश कुमार पहुंचे। जहां सियानी उर्फ मधवापुर गांव में मैप के जरिए वन सीमा तथा भौगोलिक स्थितियों का सूक्ष्मता से जायजा लेने के बाद खैल्हा नदी पर बने पुल में खड़े होकर नदी के रुट डायवर्सन की विस्तृत जानकारी लेते हुवे परियोजना संचालन होने से पूर्व संरचनाओं में बदलाव व इससे पड़ने वाले प्रभावों की समीक्षा की गई। इस मौके पर डीएफओ चतरा दक्षिणी वन प्रमंडल मुकेश कुमार, डीएफओ चतरा उत्तरी राहुल मीणा, डीएफओ हजारीबाग पश्चिमी क्षेत्र के सबा आलम, टंडवा रेंजर मुक्ति प्रकाश पन्ना, डालमिया कंपनी प्रबंधन, आउटसोर्सिंग कंपनी नीलकंठ के जीएम एके चौबे समेत अन्य अधिकारी व कर्मी मौजूद थे।
निरीक्षण के दौरान ग्रामीणों को भनक लगते हीं अधिकारियों के समक्ष अपनी समस्याओं को रखने हेतु दर्जनों भू-रैयतो को पहुंचने में जब चंद फासला हीं बचा था कि अधिकारियों का काफिला तेजी से निकलकर जाते देख सभी ग्रामीण उग्र हो गये। घोर नाराज़गी व्यक्त करते हुए विरोध में जमकर नारेबाजी की गई। बताया कि पूर्व ब्लॉक आवंटित कंपनियों द्वारा उनके साथ धोखा किया गया है। जो बगैर निर्धारित मुआवजा दिये बड़े पैमाने पर उनकी जमीनों को गुमराह कर रजिस्ट्री तक करा ली गई है। उनकी व्यथा को प्रशासन व प्रबंधन द्वारा लगातार दरकिनार कर केवल अपना हित साधा जा रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुवे कहा कि कंपनी बिचौलियों के सहारे गुपचुप तरीके से काम निकालने के फ़िराक में जुटी है। भू-रैयत नेता पवन उरांव ने कहा कि ग्रामीणों को दरकिनार कर काम निकालने की मंशा पाले दलालों व कोल ब्लॉक आवंटित कंपनी को कभी भी सफल होने नहीं देंगे। वहीं नेहा केरकेट्टा ने हिदायत दिया कि जल, जंगल व जमीन की रक्षा के लिए सभी लंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं। जरुरत पड़ने पर वे अपनी जान तक दांव पर लगा देंगे। इस मौके पर अनीता देवी ,सुमन देवी , सुशीला देवी ,आशा देवी , रमी देवी ,सरस्वती देवी ,ऋषि देवी, सूरजमणि देवी ,चंद्रमणि देवी, सुखदेव महतो ,पंकज उरांव , जयनाथ महतो , देवनारायण उरांव ,संतोष महतो समेत अन्य मौजूद थे ।