मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन से महिला बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग की सैकड़ों महिला कर्मियों ने की मुलाकात, 730 दिनों का मातृत्व अवकाश दिए जाने के निर्णय के लिए मुख्यमंत्री का अभिवादन और आभार जताया

मुख्यमंत्री ने कहा – मजबूत परिवार, समाज, राज्य और देश के निर्माण के लिए महिलाओं का सशक्त होना अत्यंत आवश्यक

रांची । राज्य मंत्रिपरिषद द्वारा महिला कर्मियों को अपने नाबालिग बच्चों की देखभाल के लिए 730 दिनों का मातृत्व अवकाश देने का निर्णय को लेकर महिला कर्मियों के बीच हर्ष का वातावरण है। इसी सिलसिले में सोमवार को महिला बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग की सैकड़ों महिला कर्मियों ने ढोल- नगाड़े और अबीर- गुलाल के साथ मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए आभार जताया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए उनकी सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि मजबूत परिवार, समाज राज्य और देश के निर्माण के लिए महिलाओं का सशक्त होना आवश्यक है। यही वजह है कि उनकी सरकार महिलाओं को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की है। इसी कड़ी में राज्य की सेवा दे रहे महिला कर्मियों के हित में उन्हें सेवाकाल में अपने बच्चों की देखभाल के लिए दो वर्षों का अवकाश देने का फैसला लिया है। इससे निश्चित तौर पर महिला कर्मियों का मनोबल बढ़ेगा और वे समर्पित भाव से अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए राज्य के विकास में भागीदार बनेंगी।

महिला बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग की महिला कर्मियों ने मुख्यमंत्री को इस बात के लिए धन्यवाद दिया कि सरकार महिला पदाधिकारी और कर्मियों के हित में लगातार निर्णय ले रही है। हमारी मांगों को लेकर सरकार का रवैया हमेशा से सकारात्मक देखने को मिल रहा है। आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के मानदेय में बढ़ोतरी के साथ अन्य लाभ और सुविधाएं देने की मांग को इस सरकार ने पूरा कर उन्हें सम्मान देने का काम किया है। हम सभी आपको भरोसा दिलाते हैं कि कि राज्य को बेहतर बनाने में पूरी निष्ठा के साथ कार्य करते आए हैं और आगे भी करते रहेंगे।

इस अवसर पर महिला बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग की सहायक निदेशक कंचन सिंह, ज़िला समाज कल्याण पदाधिकारी लातेहार अलका हेम्ब्रम और बाल विकास परियोजना पदाधिकारी नीलिशा कुमारी समेत राज्य भर से आईं विभाग की महिला पदाधिकारी और कर्मी, महिला पर्यवेक्षिकायें तथा सहायिका एवं सेविकाएँ मौजूद थीं।

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