रांची । बृहस्पतिवार को बड़कागांव से कांग्रेस विधायक अम्बा प्रसाद ने सदन में सवाल उठाते हुए कहा कि जब देश के कई राज्यों में शिशुओं की देखभाल के लिए महिलाओं को उनके सेवा काल में 2 साल के लिए सवैतनिक अवकाश मिलता है, तो झारखंड में यह सुविधा क्यों नहीं है। जिसके बाद पंचम झारखण्ड विधान सभा का पंचदश (बजट) सत्र 2024 में आज सदन में सरकार की तरफ़ से माननीय स्वास्थ मंत्री बन्ना गुप्ता ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि झारखंड सरकार तीन महीने के अंदर महिलाओं के लिए सवैतनिक मातृत्व अवकाश की सुविधा की शुरुआत करेगी।
वहीं इससे पूर्व विधायक अंबा प्रसाद ने विधानसभा में मामला उठाते हुए बताया था कि राज्य के विभिन्न विभागों में हजारों महिला कर्मी कार्यरत है जिन्हें अपने कार्यकाल के दौरान सेवा दायित्वों के साथ-साथ मातृत्व और पारिवारिक दायित्वों का भी निर्वहन करना पड़ता है। देश के अधिकांश राज्यों में एवं केंद्र में बच्चों की देखभाल हेतु महिलाओं को सवैतनिक शिशु देखभाल अवकाश की सुविधा प्राप्त है और महिला कर्मियों को उनके सेवा काल में दो वर्षों के लिए शिशु देखभाल अवकाश की सुविधा मिलती है लेकिन झारखंड में इस प्रकार की सुविधा महिला कर्मियों के लिए उपलब्ध नहीं है। महिला विधायक अंबा प्रसाद ने महिला कर्मियों की दर्द को समझते हुए इस मामले को विधानसभा में उठाया इसके बाद महिलाओं महिला कर्मियों को शिशु देखभाल हेतु 2 साल के सवैतनिक अवकाश की सुविधा मिलने का मार्ग प्रशस्त हुआ।