अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण में संलिप्त लोगों को बख्शा नहीं जाएगा: उपायुक्त रमेश घोलप
चतरा ( संजीत मिश्रा ): अवैध खनन, परिवहन और भंडारण के खिलाफ जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपना लिया है। उपायुक्त रमेश घोलप ने स्पष्ट किया है कि इस अवैध गतिविधि में संलिप्त लोगों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। पिछले एक सप्ताह के भीतर जिले में 1,85,000 सीएफटी से अधिक अवैध बालू भंडारण जब्त किया गया है। इसके अलावा 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
उपायुक्त श्री घोलप ने जानकारी दी कि जिले में चल रहे पत्थर खनन पट्टों की शाखावार जांच की जा रही है। जांच में पाया गया है कि कुछ खनन पट्टेदार स्वीकृत क्षेत्र से अधिक भूमि पर खनन कर रहे हैं। इस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बालू माफियाओं के विरुद्ध संयुक्त छापेमारी अभियान
उपायुक्त के आदेशानुसार, अनुमंडल पदाधिकारी चतरा जहूर आलम और पुलिस अनुमंडल पदाधिकारी संदीप कुमार के नेतृत्व में मयूरहंड प्रखंड में छापेमारी की गई। इस दौरान सोकी पंचायत भवन के पास एक किलोमीटर की परिधी में खाली भूमि पर 1,35,000 सीएफटी अवैध बालू का भंडारण पाया गया। इसे जिला खनन पदाधिकारी मनोज टोप्पो और खान निरीक्षक की टीम ने जब्त कर लिया। अवैध गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों की पहचान की जा रही है, और उनके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है।
सिमरिया खनन टास्क फोर्स और प्रखंड स्तरीय खनन टास्क फोर्स के संयुक्त अभियान में सिमरिया, टंडवा और लावालौंग प्रखंडों से 13,500 सीएफटी अवैध बालू जब्त किया गया। कान्हाचट्टी 2,200 सीएफटी , हंटरगंज 20,000 सीएफटी इसके अलावा, 450 सीएफटी बालू लदे 5 ट्रैक्टर भी जब्त किए गए हैं।
उपायुक्त ने बताया कि खनन पट्टों में अनियमितताओं की प्रारंभिक जांच में कई खदानों द्वारा स्वीकृत क्षेत्र से बाहर खनन कार्य किए जाने की बात सामने आई है। इन मामलों की जांच के लिए 5 सदस्यीय समिति बनाई गई है। समिति में अपर समाहर्ता के नेतृत्व में
अनुमंडल पदाधिकारी , जिला खनन पदाधिकारी , खान निरीक्षक , संबंधित अंचल अधिकारी शामिल है । यह समिति खनन पट्टों का सर्वेक्षण कर रही है। स्वीकृत क्षेत्र से अधिक खनन पाए जाने पर संबंधित खनन मालिकों पर कठोर कानूनी और दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
उपायुक्त ने सख्त चेतावनी दी है कि अवैध खनन, परिवहन और भंडारण में संलिप्त लोगों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा। इस तरह की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए छापेमारी अभियान जारी रहेगा। गौरतलब है कि अब तक स्थानीय टास्क फोर्स कमिटी की करवाई खानापूर्ति तक सीमित रहती थी । बीडीओ सह प्रभारी सीओ मनीष कुमार के विवादित कार्यो के कारण जिला प्रशासन को सख्त कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा । इस बड़े कदम के बाद से बालू माफियाओं में हड़कंप मच गया है ।
जिला प्रशासन की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि अवैध खनन, परिवहन और भंडारण के खिलाफ सख्त रुख अपनाया गया है। यह न केवल क्षेत्र में खनिज संपदाओं के अनियमित दोहन को रोकने का प्रयास है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और कानून व्यवस्था बनाए रखने का भी एक महत्वपूर्ण कदम है।