पुष्य नक्षत्र, मकर राशि औल शनि देव का बन रहा है खास संयोग, देश के कई राज्यों में करायेगा राजनीतिक उथल-पुथल
फोटो : आचार्य चेतन पाण्डेय
चतरा : स्नान-दान का महापर्व मकर संक्रांति इस बार 14 जनवरी को ही मनाया जायेगा। जन्मकुंडली, वास्तु व कर्मकाण्ड परामर्श के विशेषज्ञ आचार्य पंडित चेतन पाण्डेय ने बताया कि इस वर्ष मकर संक्रांति का पूण्यकाल 14 जनवरी को ही होगा। उन्होंने कहा कि काशी के प्रसिद्ध श्री हृषीकेश पंचांग के अनुसार भगवान सूर्य नारायण 14 जनवरी को दिन में 3:27 पर धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति का पुण्यकाल इस बार दिन भर होगा। आचार्य ने बताया कि इस बार मकर संक्रांति मंगलवार दिन को पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि शास्त्र के अनुसार मंगलवार को सूर्य की संक्रांति होने से पित्त, कफ और वात के प्रकोप से प्राणियों को पीड़ा होती है। राजाओं में कलह और अवृष्टि दुर्भिक्ष होने की अधिक संभावना बनती है। इस बार मकर संक्रांति का प्रभाव से राजनीतिक, सामाजिक उथल-पुथल मच सकती है। लगभग 19 वर्ष बाद इस बार मकर संक्रांति के उपलक्ष में अद्भुत संयोग बन रहा है। मकर संक्रांति के दिन इस बार पुष्य नक्षत्र भोग करेगा। पुष्य नक्षत्र के स्वामी स्वयं शनिदेव हैं और मकर राशि का भी स्वामी शनि देव ही हैं। यह संयोग स्नान और दान के लिए बहुत ही फायदेमंद माना गया है। आचार्य ने बताया कि 14 जनवरी को सुबह 10:29 तक पुनर्वसु नक्षत्र है उसके बाद पुष्य नक्षत्र प्रवेश करेगा। आचार्य ने कहा कि इस बार मकर संक्रांति 12 में तीन राशियों के लिए अत्यंत शुभ और लाभकारी समय लेकर आ रहा है। आचार्य ने कहा कि कर्क, तुला और मीन राशि के जातकों के लिए इस बार मकर संक्रांति विशेष लाभदायक होगा। 14 जनवरी को सुबह 10:29 तक पुनर्वसु नक्षत्र है। इसके बाद पुष्य नक्षत्र प्रवेश करेगा।आचार्य ने बताया कि भगवान सूर्यनारायण के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही पिछले 6 माह से चला आ रहा दक्षिणायन का समापन होगा और उत्तरायण प्रारंभ होगा। उत्तरायण को देवताओं का प्रभात बेला कहा गया है। उत्तरायण होते ही हिंदू धर्मावलंबियों के सभी प्रकार के मांगलिक और शुभ कार्य प्रारंभ हो जाते हैं।
सूर्य के इन मंत्रों का जाप दिलायेगा पुण्य
आचार्य ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन भगवान भास्कर की पूजा विशेष लाभकारी मानी जाती है। इस दिन तिल का दान को विशेष महत्व दिया गया है। मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ॐ सूर्याय नमः, ॐ भास्कराय नमः, ॐ मित्राय नमः, ॐ भाणवे नमः, ॐ खगाय नमः, ॐ पूषने नमः, ॐ मरिचये नमः, ॐ आदित्याय नमः, ॐ सवित्री नमः, ॐ अर्काय नमः, ॐ हिरण्यगर्भाय नमः भगवान सूर्य के अन्य नामाक्षर मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त
इस बार मकर संक्रांति माघ महीने के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाएगा। कई वर्ष के बाद इस बार यह संयोग आया है जब मकर संक्रांति का त्योहार माघ महीने में मनाया जाएगा। ऐसे में इस वर्ष मकर संक्रांति पर स्नान-दान का बहुत लाभप्रद माना गया है। आचार्य पंडित चेतन पाण्डेय ने बताया कि बृहद् ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर संक्रांति दिन में हो तो इसका पुण्य कल दिनभर माना गया है। ऐसे में इस बार मकर संक्रांति का पुण्य काल सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक रहेगा। इस दरम्यान कभी भी स्नान-दान किया जा सकता है।