राज्य में चल रहे सड़क परियोजनाओं की उच्चस्तरीय समीक्षा
रांची: राज्य की मुख्य सचिव श्रीमती अलका तिवारी ने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया है कि वे इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दें और इन कार्यों में आ रही रुकावटों को जिला स्तर पर ही सुलझाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे कारणों से प्रोजेक्टों में रुकावटें आती हैं, जिसके कारण लागत में अनावश्यक वृद्धि होती है, और इससे राज्य को वित्तीय नुकसान होता है। यदि थोड़ा अतिरिक्त ध्यान दिया जाए, तो जिला स्तर पर ही इन समस्याओं का समाधान संभव है।
मुख्य सचिव मंगलवार को राज्य में चल रहे नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई), रेलवे ओवरब्रिज और राज्य सड़क निर्माण विभाग की उन परियोजनाओं की समीक्षा कर रही थीं, जो भूमि अधिग्रहण, मुआवजा, वन मंजूरी और विधि व्यवस्था जैसी समस्याओं से प्रभावित हैं।
एनएचएआई की 38,483 करोड़ रुपये की योजनाएं
राज्य में एनएचएआई की कुल 38,483 करोड़ रुपये की योजनाएं चल रही हैं। इसके अलावा, कई रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण कार्य भी जारी हैं। राज्य सरकार द्वारा सड़कों के विस्तार और चौड़ीकरण के हजारों किलोमीटर के कार्य भी चल रहे हैं। समीक्षा के दौरान यह सामने आया कि परियोजनाओं में देरी के कारण राज्य को केंद्र से नई सड़क निर्माण योजनाएं प्राप्त करने में कठिनाइयाँ हो रही हैं।
राज्य में सड़क निर्माण की सबसे बड़ी बाधा भूमि अधिग्रहण, मुआवजा, वन मंजूरी और विवाद जैसी समस्याएं हैं। जब मुख्य सचिव ने संबंधित उपायुक्तों से इन मुद्दों पर जानकारी ली, तो अधिकांश उपायुक्तों ने आश्वासन दिया कि कुछ दिनों या महीनों के भीतर ये समस्याएं हल हो जाएंगी।
मुख्य सचिव ने इस मामले में स्पष्ट किया कि जो समयसीमा उपायुक्तों ने दी है, उसे सख्ती से पालन किया जाना चाहिए, ताकि परियोजनाएं समय पर पूरी हो सकें और राज्य को केंद्र से नई योजनाएं मिल सकें।
समस्या समाधान के लिए प्रभावी कदमों की आवश्यकता
मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि यदि कोई परियोजना किसी कारणवश रुक जाती है, तो उसे तत्काल पुनः प्रारंभ करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए जाएं। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि भूमि अधिग्रहण, मुआवजा, वन मंजूरी और अन्य बाधाओं को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाए, ताकि परियोजनाओं में कोई और विलंब न हो। राज्य के विकास में इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं का अत्यधिक महत्व है, और समय पर इन परियोजनाओं को पूरा करना राज्य सरकार के लिए बेहद जरूरी है।