बेलगाम विभाग पर कौन लगाएगा लगाम , भगवान भरोसे बचा कारवाई की उम्मीद ।

आवेदन देने पर कारवाई नहीं किए जाने तथा गुप्तचर का नाम माफियाओं को बताने जैसे आवेदन में गम्भीर आरोप लगाया है ग्रामीणों ने ।।

राष्ट्रीय शान

चतरा :- जिले के प्रतापपुर प्रखण्ड में वन विभाग की मिली भगत से जंगल की कटाई , वन भूमि पर कब्जा निरन्तर जारी है । गिनीज बुक में झारखण्ड में सबसे अधिक वन क्षेत्र चतरा जिले में है । यंहा 67.68 फीसदी वन क्षेत्र है पर यंहा के अधिकारी और माफियाओं के गलत रवैया के कारन गिनीज बुक से चतरा जिले का नामोनिशान ख़त्म होते जा रहा है । इस क्षेत्र में लकड़ी ,पत्थर तथा वन भूमि पर माफियाओं का बुरी नजर लग गई है । प्रतापपुर प्रखण्ड से सटे बिहार बार्डर पर अवैध आरा मशीन में हर दिन रात के अंधेरे में वाहन से लकड़ी का बोटा भेजा जा रहा है । वही कई क्षेत्रों में जंगलो में पेड़ो की अन्धाधुन्ध कटाई कर वन भूमि पर अतिक्रमण किया जा रहा है । ​जंगल में हरे भरे पेड़ की कटाई कर आरा मशीन के भेंट चढ़ रहे हैं। मामले की जानकारी वन विभाग के रेंजर से लेकर उत्तरी वन प्रमण्डल क्षेत्र पदाधिकारी राहुल मिना को भी दी गई । लेकिन सब कुछ जानते हुए भी विभाग के अधिकारी चुप्पी साधे कुम्भकर्णीय नींद में सो रही है। लकड़ी माफिया बेखौफ होकर जंगल ​विहीन करने में दिन रात जुटे हैं। वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी द्वारा इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिससे ये धंधा बदस्तूर जारी है । इतना ही नहीं वन कर्मी और पदाधिकारी इतने निस्ठुर हो गए है कि दोषियों के विरुद्ध डर डर कर ग्रामीणों ने कई बार आवेदन दिया है ताकि जंगलो में रहने वाले जंगली जानवर का सुरक्षा और पेड़ो की कटाई पर विराम लग सके पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ जंगल और जंगली जानवर भगवान भरोसे छोड़ दिये गए है तथा गुप्त रूप से माफियाओं का नाम बताने वाले के बारे में माफियाओं को उस गुप्तचर का नाम बता दिया जाता है ​। ऐसे में गुप्तचर के साथ कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है ।

जिस तरह लकड़ी कटाई , वन भूमि पर अतिक्रमण माफिया कर रहे है उससे यह साफ प्रतीत होता है कि रेंजर से मिले बगैर एक पत्ता भी नहीं हिल रहा है ​। रेंजर के मिली भगत से ही पत्थर ढुलाई , जंगल को उजाड़कर वन भूमि पर कब्जा , बेसकिमती लकड़ी कटाई , अफीम की खेती के लिए जगलों का सफाया किया जा रहा है । इतना सब कुछ जानते हुए भी वन प्रमण्डल क्षेत्र पदाधिकारी चुप्पी साधे बैठे है ​यह लोगो के समझ से परे है कि आखिरकार किसके सह पर जंगलो को उजाड़ने की छूट दी गई है । अब ऐसे में ग्रामीण भगवान भरोसे न्याय की उम्मीद लगाए हुए है ।

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