केंद्र सरकार के महत्वकांक्षी योजना हर घर जल नल योजना में जिले के अधिकांश प्रखण्डों मे भारी गड़बड़ी ,उदाहरण स्वरूप देखना है तो कुंदा पहुँचे, लूट मचाने मे लगे है संवेदक
चतरा : केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी योजना जल-नल योजना में संवेदक द्वारा भारी गड़बड़ी किया जा रहा है ! संवेदक ओर विभागीय अधिकारी लूट मचाने के लिए कार्य की गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा जा रहा है ! अधिकांश प्रखण्डों मे कार्य जैसे तैसे किया जा रहा है ! इंजीनियर भी कमीशन के चक्कर मे आंखे बंदकर मापी पुस्तिका मे एमबी कर रहे है ! सबसे आश्चर्य की बात यह है कि जल-नल योजना निर्माण कार्य स्थल पर कार्य के दौरान गुणवत्ता कार्य कराने के लिए कनीय अभियंता को मौजूद रहना रहता है पर कार्य स्थल से हमेशा गायब मिलेंगे ! इस सम्बंध में कुंदा पंचायत मुखिया सह मुखिया संघ के अध्यक्ष मनोज कुमार साहु ने बुधवार को उपायुक्त को पत्र दे कर क्षेत्र में चल रहे जल नल योजना के क्रियान्वयन पर जांच कराने की मांग किया है । मुखिया द्वारा दिए गए आवेदन में लिखा है कि हर घर जल नल योजना में संवेदक द्वारा घोर लापरवाही बरती जा रही है । अधिकांश गांव के पुराने चापाकाल में जल नल का जलमीनार लगा दिया गया है ! जिसमें घरों तक पानी भरपूर मात्रा में नहीं पहुँचता है । कार्य गुणवत्तापूर्ण नहीं किया जा रहा है । कार्य कर रहे मिस्त्री भी अप्रशिक्षित है,कार्य अनुभव की जानकारी नहीं है । जिसके वजह से कार्य अच्छा से नही किया जा रहा है । जल नल के कार्य मे लगातार ग्रामीणों से शिकायत मिलने पर पंचायत में चल रहे कार्य का निरीक्षण किया गया कार्य मे काफी अनियमितता बरती जा रही है। घटिया किस्म के पाइप व नल लगाया गया है। साथ ही टंकी(सेंटेक्स) भी निम्न वर्ग के लगाया गया है । गांव में पाइप लीकेज की समस्या है । इससे निकलने वाले पानी मुख्य सड़क पर जल जमाव हो जाता है जिससे सड़क भी क्षतिग्रस्त हो गयी है,कई जगहों पर जल जमाव से बड़े बड़े गड्ढ़े बन आया है । मुखिया ने कार्य मे लापरवाही बरतने की जानकारी संवेदक से लिया तो संवेदक ने मुखिया को कार्य बंद कर देने की बात कहता है । साथ ही संवेदक ने विभाग में कमीशन देने के वजह से गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं करने की बात बताया है । मुखिया ने उपायुक्त से जल नल योजना की जांच कर क्रियान्वयन एजेंसी पर करवाई की मांग किया है । अब देखना दिलचस्प होगा कि लूट मचाने वाले दोषी संवेदक के साथ संबन्धित अधिकारी व इंजीनियर पर कारवाई होती भी है या मामला ठंडे बस्ते मे चला जाता है ।हालांकि एस संदर्भ मे पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के जिला कार्यपालक अभियंता से दूरभाष के माध्यम जानकारी लेना चाहा तो फोन नहीं उठाये