देश मे कॉमन स्कूलिंग सिस्टम हो लागू, शराब बंदी कानून पर मांझी का तीखा तंज

तेजस्वी को बताया मूर्ख, झारखंड में चार लोकसभा व दस विधानसभा सीटों पर दावेदारी के दिये संकेत

चतरा : सबरी पूजा कार्यक्रम में शिरकत करने चतरा पहुंचे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह हम सुप्रीमों जीतन राम मांझी ने बिहार के शराब बंदी कानून पर फिर सवाल खड़ा किया हैं। उन्होंने सीएम नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट शराब बंदी कानून पर तंज कसते हुए कहा है कि कानून तो लागू कर दिया गया है, लेकिन उसका कड़ाई से पालन और अनुपालन नही कराया जा रहा है। ऐसे में इस कानून के आड़ में वहां माफिया और तस्कर करोड़पति बन रहे हैं। लेकिन दो रुपये का शराब पीने वाला गरीब हलाल हो रहा है। कुंदा प्रखंड मुख्यालय स्थित ऐतिहासिक महादेव मठ के समीप आयोजित सबरी पूजा में जनसभा को संबोधित करते हुए हम सुप्रीमों ने गरीबों के उत्थान के लिए देश में कॉमन स्कूलिंग सिस्टम लागू करने की मांग की है। साथ ही बिहार में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव द्वारा चलाए जा रहे जन विश्वास यात्रा पर भी चुटकी ली है। कहा है कि नेता प्रतिपक्ष असेंबली में सरकार की गलतियां गिनाने और जनहित के मुद्दों को उठाने के बजाय भागे फिर रहे हैं। यह उनकी मूर्खता है कि वह 17 माह में चार लाख नौकरी देने के दावे कर रहे हैं। अगर सीएम नीतीश कुमार नहीं चाहते तो क्या वह नौकरी दे पाते। उन्होंने तेजस्वी यादव और राजद पर जनता को बरगलाने और गुमराह करने का आरोप लगाया है। पूर्व सीएम ने नीतीश कुमार को राजद का साथ छोड़ने पर भी उनका बचाव किया है। कहा है कि जनहित में जितने बार भी सरकारें बदलने और पार्टी छोड़ने की जरूरत हो छोड़ना ही चाहिए। नीतीश कुमार ने भी ऐसा ही किया है। बिहार को जलने से बचाने के नियत से ही वह पलटी मार कर एनडीए के साथ आए हैं। जीतन राम मांझी ने कहा है कि आगामी लोकसभा सीट में हम बिहार में 40 के 40 सीट पर रिकॉर्ड वोट से जीत दर्ज करेंगे। वहीं झारखंड के 4 लोकसभा व 10 विधानसभा सीटों पर भी दावेदारी के संकेत दिये हैं।

बुरा देखन जो चला, बुरा ना देखे कोई.. जो दिल ढूंढा आपना, मुझसे बुरा ना कोई…!

सबरी पूजा में शिरकत करने के दौरान हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सुप्रीमो सह बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शायराना अंदाज में विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा है कि बुरा देखन जो चला, बुरा ना देखे कोई.. जो दिल ढूंढा आपना, मुझसे बुरा ना कोई… उन्होंने भुईयां जाति और गरीबों के उत्थान के लिए सरकार से विस्तृत चर्चा कराने की अपील की। कहा है कि भुईयां और मुसहर समाज के साथ-साथ गरीबों को शिक्षा कैसे मिले सरकार इसकी चर्चा नहीं करती। उन्होंने कहा कि भीमराव अंबेडकर ने संविधान का संरचना किया था। उसमें भी गरीबों को शिक्षा का अधिकार देने की बात लिखी गई है। जीतन राम मांझी ने देश में गरीबों के उत्थान और उन्हें शिक्षित करने को ले कॉमन स्कूलिंग सिस्टम लागू करने की मांग की। कहा कि बड़े लोग तो अपने बच्चों को अच्छे स्कूलों में पढ़ा लेते हैं, लेकिन गरीब आर्थिक तंगी के कारण अपने बच्चों को तालीम नहीं दिला पाते। सामान्य शिक्षा होती तो सब आगे बढ़ते। आज गरीब और भुईयां समाज की स्थिति यह है कि इस समाज में गिने चुने लोग ही सफल हुए हैं और डॉक्टर-इंजीनियर बन पाए। क्यूंकि शिक्षा ही वह विधा है जिससे व्यक्ति का आर्थिक, सामाजिक, भौतिक और नैतिक विकास संभव है। उन्होंने शिक्षा को ही परम धरम मानकर आगे बढ़ने की बात कही। कहा कि सरकार शिक्षा पर ज्यादा खर्च तो कर रही है, लेकिन इसका फायदा नहीं दिख रहा। पूर्व मुख्यमंत्री ने इलाहाबाद कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि 4 वर्ष पूर्व कोर्ट ने भी कहा था कि सरकारी स्कूल में शिक्षा का स्तर सुधर जाएगा। अगर जज से लेकर चपरासी और आईएएस से लेकर मंत्री तक के बच्चों के सरकारी स्कूल में पढ़ने का कानून लागू कर दिया जाय। इस कानून के आने से राजा हो या स्वीपर सभी के बच्चे एक साथ बैठकर पढ़ेंगे और सभी के मन में शिक्षा जागृत होगी।

आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में दावेदारी के सवाल पर हम सुप्रीमो ने कहा है कि चतरा समेत झारखंड में हमारा फैन फॉलोइंग ज्यादा है। हम जल्द ही अपनी एक टीम भेज कर सर्वे कराएंगे। सर्वे के आधार पर झारखंड में लोकसभा के तीन से चार और विधानसभा के 8 से 10 सीटों पर अपनी दावेदारी मजबूती से ठोकते हुए चुनाव में प्रत्याशी खड़े करेंगे। उन्होंने कहा कि एनडीए कैसे मजबूत हो इस दिशा में भी कारगर पहल करेंगे। उन्होंने लोकसभा में बिहार में 40 में से 40 सीटों पर भारी मतों से जीत का दावा किया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने एग्जिट पोल को झूठ का पुलिंदा बताते हुए चुनाव में पूर्ण बहुमत लाने की बात कही।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट शराब बंदी कानून पर सवाल खड़ा करते हुए एनडीए मे शामिल पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार से शराब बंदी कानून की समीक्षा करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि बिहार में शराब बंदी कानून तो लागू कर दिया गया है, लेकिन इसका अनुपालन करने का तरीका सही नहीं है। लोग डर से नहीं बल्कि जागरूक होकर शराब छोड़ेंगे। ऐसे में बिहार सरकार को शराब बंदी कानून तत्काल समाप्त कर देनी चाहिए। साथ ही शराब पीने से होने वाले नुकसान को लेकर प्रदेश भर में जागृति पैदा करने को लेकर अभियान की शुरुआत करनी चहिये। जीतन राम मांझी ने कहा है कि शराब बुरी चीज नहीं है। अगर हार्ड वर्क करने वाला शाम में लिमिट में शराब लेता है तो यह कहीं से गलत नहीं है। उन्होंने कहा है कि बिहार में शराबबंदी कानून में गड़बड़ी का परिणाम यह है कि शराब तस्कर और माफिया दिन प्रतिदिन करोड़पति बन रहे हैं। वहीं दिन भर मेहनत कर शाम में दो रुपये का शराब पीकर अपनी थकान मिटाने वाला गरीब जेल का हवा खा रहा है। आज बिहार के जेलों में तीन से साढे तीन लाख गरीब सजा काट रहे हैं। हम सुप्रीमो ने कहा है कि शराबबंदी कानून की समीक्षा होनी चाहिए, जिसकी आंच तस्करों पर आए ना कि थोड़ा बहुत पीने वाले गरीबों पर।

तेजस्वी को बताया मूर्ख, जन विश्वास यात्रा पर भी ली चुटकी

बिहार के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव द्वारा चलाए जा रहे जन विश्वास यात्रा पर भी पूर्व मुख्यमंत्री ने चुटकी ली है। कहा है कि बिहार में सत्र चल रहा है। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष होने के नाते उन्हें असेंबली में जनहित के मुद्दों को प्रमुखता से उठाते हुए सरकार की गलतियों को गिनाना चाहिए। लेकिन वे विश्वास यात्रा के बहाने असेंबली से भाग गए हैं। श्रीमांझी ने तेजस्वी यादव पर मूर्खता करते हुए जनता को बरगलाने और बेवकूफ बनाने का प्रयास करने का गंभीर रूप लगाया है। कहा है कि तेजस्वी यादव 17 माह में चार लाख नौकरी देने का दावा कर रहे हैं। लेकिन जब नीतीश कुमार नहीं चाहते तो क्या वे नौकरी दे पाते इसका भी जवाब उन्हें जनता को बताना चाहिए।

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