चतरा। समाहरणालय स्थित सभा कक्ष में उपायुक्त सह अध्यक्ष, जिला पर्यटन संवर्धन परिषद, रमेश घोलप की अध्यक्षता में परिषद की शासी निकाय की बैठक आयोजित की गई। बैठक में अधिसूचित पर्यटन स्थलों के विकास, लंबित कार्यों की समीक्षा, और नए पर्यटक स्थलों के चयन पर विचार-विमर्श कर कई आवश्यक निर्णय लिए गए।
अधिसूचित स्थलों का विकास और समीक्षा ..
जिला खेल पदाधिकारी तुषार रॉय ने बताया कि चतरा जिले में कुल 16 अधिसूचित पर्यटक स्थल हैं। इनमें शामिल हैं । इटखोरी प्रखंड स्थित भद्रकाली मंदिर (राजकीय महोत्सव स्थल) , हंटरगंज: कौलेश्वरी मंदिर (श्रेणी ए) , कान्हाचट्टी: तमासीन जलप्रपात (श्रेणी सी) , गिद्धौर बलबल: दुवारी बागेश्वरी मंदिर (श्रेणी सी) , चतरा: गोवा जलप्रपात, ख़ैवा बंदारू (श्रेणी डी) अन्य स्थलों में लक्ष्मणपुर भेड़ी फॉर्म डैम, महादेव मठ, राजा का पुराना किला, और डुमेर सुमेर फॉल शामिल हैं।
बैठक में पर्यटक स्थलों पर साइनेज, डस्टबिन, सीटिंग बेंच, पेयजल सुविधाएं, और सोलर लाइट जैसी मूलभूत सुविधाओं को बहाल करने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया तथा माँ कौलेश्वरी मंदिर और अन्य प्रमुख स्थलों पर जारी कार्यों की प्रगति की समीक्षा की गई।
नए स्थलों को अधिसूचित करने का प्रस्ताव ..
बक्सा डेम, पत्थलदास हनुमान मंदिर, शिव मंदिर (हेरूवा और बेला), और नावाडीह मोर सिरवा पहाड़ को अधिसूचित स्थलों में शामिल करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर जिला स्तर पर अनुमोदन के बाद विभाग को भेजने का निर्णय लिया गया।
माँ कौलेश्वरी मंदिर पर विशेष ध्यान
माँ कौलेश्वरी विकास एवं प्रबंधन समिति द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों पर चर्चा हुई। पुलिस विभाग द्वारा निर्माणाधीन अतिथिगृह , पुजारियों के लिए धर्मशाला का शीघ्र निर्माण , टूटे गार्डवाल और चाहरदीवारी की मरम्मत , एनटीपीसी द्वारा स्थापित सोलर सिस्टम को पुनः चालू करने का निर्देश , पेयजल और स्वच्छता विभाग द्वारा अधूरे कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने का निर्देश , मंदिर परिसर में तड़ित चालक का अधिष्ठापन।
बैठक में चतरा विधानसभा क्षेत्र के विधायक जनार्दन पासवान, सिमरिया विधायक उज्ज्वल दास, चतरा लोकसभा क्षेत्र के सांसद प्रतिनिधि विनय सिंह, उप विकास आयुक्त अमरेंद्र कुमार सिन्हा, अपर समाहर्ता अरविंद कुमार, और पर्यटन परिषद के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
बैठक में पर्यटन स्थलों के विकास को प्राथमिकता देने और लंबित कार्यों को शीघ्र पूरा करने का आह्वान किया गया। नए स्थलों को अधिसूचित कर क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सभी संबंधित विभागों को सक्रिय भूमिका निभाने का निर्देश दिया गया।