वरीय अधिकारी के आदेशों का पालन नहीं करते है स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ।।

मजाक बनकर रह गया है करवाई का कई निर्गत पत्र, दिखावे के लिए कार्रवाई के नाम पर पत्र निर्गत करने का सिविल सर्जन खेल रहे है खेल ।।

उपायुक्त को गुमराह करने के लिए करवाई के नाम पर फिर से निकाला एक और पत्र ।।

राष्ट्रीय शान

चतरा ( संजीत मिश्रा )। चतरा में कई विभाग ऐसे है जहां अधिकारी से लेकर कर्मी तक बेलगाम है । विभाग में पदस्थापित अधिकारी व कर्मी का वरीय अधिकारी के आदेशों को मजाक बनाना मानो अपनी दिनचर्या में शामिल कर लिया है । यही कारण है कि अवैध कारोबार का धन्धा इस जिले में काफी फल फूल रहा है । अखबार , सोसल मीडिया या इलेक्ट्रॉनिक्स मीडिया में साक्ष्य व तथ्यों के आधार पर प्राकशित खबरों को स्थानीय अधिकारी भले ही गम्भीरता से नहीं लेते है पर जनहित को ध्यान में रखते हुए वरीय अधिकारी गम्भीरता से संज्ञान लेते है और उक्त दोषियों पर विधी संवत करवाई करने का निर्देश देते है । ऐसा ही मामला है चतरा के स्वास्थ्य विभाग का । कई बार नर्सिंग होम के विरुद्ध वरीय अधिकारियों ने कार्रवाई के लिए पत्र लिखा । जब निर्गत पत्र स्थानीय अधिकारी को प्राप्त हुआ तो वरीय अधिकारी के आदेश व निर्देश को मजाक बनाकर रख दिया है।

पिछले एक वर्षो में अवैध नर्सिंग होम वालों पर जब भी कोई गंभीर आरोप लगें हैं या किसी मरीज का गलत ईलाज के दौरान मौत हुई है तो स्वास्थ्य विभाग के संबंधित अधिकारी उन्हें सिर्फ दिखावे के लिए करवाई के नाम पर एक पत्र निर्गत करने या कारण बताव नोटिस भेज कर अपना पल्ला झाड़ लिया है । और राज्य के वरीय अधिकारी या जिला के उपायुक्त के द्वारा करवाई के आदेश को मजाक बनाते हुए ,ठण्डे बस्ते में डाल दिया ।

आखिर यह काफी गम्भीर विषय है कि वरीय अधिकारियों के द्वारा अवैध नर्सिग के विरुद्ध ठोस करवाई के लिए भेजे गए दर्जनों पत्र के बावजूद करवाई करने के बजाय आदेशों को हमेशा नजरअंदाज करते हुए अवैध नर्सिंग होम संचालक पर बेहरबानी किए हुए है , बड़ा सवाल है ? सबसे आश्चर्य की बात है कि राज्य से लेकर जिले के उपायुक्त के द्वारा संचालित अवैध नर्सिंग होम के विरुद्ध कठोर करवाई करते हुए FIR करने का निर्देश दिए जाने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सहित टास्क फोर्स कमिटी में शामिल अधिकारियों ने करवाई के लिए निर्गत पत्र को मजाक बनाकर रख दिया है । ऐसा मामला एक नहीं बल्कि दर्जनों है ।

जानिए ताजा मामला उपायुक्त के आदेश का स्वास्थ्य विभाग सहित टास्क फोर्स कमिटी ने कितना किया पालन ………

उपायुक्त, चतरा के ज्ञापांक 404 दिनांक 15.05.2019 के द्वारा जिला स्तर पर Clinical Establishment के तहत अनुमण्डल व प्रखण्ड स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया था। जिसमें संयुक्त रूप से जिलान्तर्गत झोला छाप डॉक्टरों का सर्वे कर चिन्हित करते हुए इनके विरुद्ध कठोर विधि-सम्मत कार्रवाई यथा स्थानीय थाना में प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराकर उनका निजी क्लिनिक बंद करने की कार्रवाई का निदेश प्राप्त है।

अनुमण्डल व प्रखण्ड स्तरीय टास्क फोर्स का गठन के पश्चात कुछ चिकित्सा पदाधिकारियों का स्थानातंरण हो जाने के फलस्वरूप उनके स्थान पर चिकित्सा पदाधिकारी को अधोहस्ताक्षरी कार्यालय के ज्ञापांक 1847, चतरा दिनांक 16.11.2023 के द्वारा चिकित्सा पदाधिकारी के नामित किया गया था।

पुन लोक सभा चुनाव, 2024 को देखते हुए जिला एवं प्रखड स्तर पर टास्क फोर्स गठित किया जाता है। (टास्क फोर्स गठित टीम चुनाव तक ही कार्य करेगें) जो निम्न प्रकार है-

उपरोक्त पदाधिकारी संयुक्त रूप से जिलान्तर्गत झोला छाप डॉक्टरों (वैध एवं अवैध नर्सिंग होम) का सर्वे कर चिन्हित करते हुए इनके विरूद्ध कठोर विधि-सम्मत कार्रवाई करेगे, की गई कार्रवाई का प्रतिवेदन अधोहस्ताक्षरी कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। उपायुक्त महोदय, चतरा के निदेशानुसार। इसके बावजूद जिला मुख्यालय में बगैर लाइसेंस अवैध नर्सिंग होम में बड़े ऑपरेशन किए जा रहे है । और अधिकारी तमाशबीन बने हुए है । बेलगाम स्थानीय अधिकारियों पर आखिर किसका वरदहस्त प्राप्त है ??

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *