उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ व राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने 39 गोल्ड मेडलिस्ट छात्र-छात्राओं को किया सम्मानित।

राष्ट्रिय शान

रांची/धनबाद । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ रविवार को बिरसा मुंडा की धरती झारखंड पहुंचे। इस दौरान रांची एयरपोर्ट पर मौजूद राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनका स्वागत किया। वहीं राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने भी हाथ जोड़कर एवं बुके देकर अभिवादन किया। दरअसल आईआईटी-आईएसएम धनबाद में दीक्षांत समारोह मे शामिल होने के लिए उपराष्ट्रपति पहुंचे हैं।आईआईटी आईएसएम धनबाद के पेनमेन हॉल में रविवार को 43वां दीक्षांत समारोह आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ व विशिष्ट अतिथि राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन 39 गोल्ड मेडलिस्ट छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उपस्थित छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए उन्होंने राज्यसभा सांसद धीरज साहू के यहाँ छापे में मिले 3 सौ करोड़ रुपये की ओर इशारा किया और छात्रों से आग्रह किया कि वो भविष्य में एक ऐसी मशीन बनाए जो कभी न थकने वाला हो और वो तेजी से अनगिनत नोटो को बिना रुके गिन सके।

इसके साथ ही उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आप सभी ने आईआईटी आईएसएम धनबाद जैसे महान संस्थान में अध्ययन किया है। आज जो डिग्री आपने प्राप्त की है वह सिर्फ आपकी शैक्षणिक प्रगति का प्रमाण नहीं है, यह आपके समर्पण, दृढ़ता और क्षमता का प्रतीक है। इस क्षमता का आपको पूरी तरह से देश के प्रगति में योगदान करना है। अब आपका दायित्व है की इस राष्ट्र के विकास को सुनिश्चित करना है।

इससे पहले दीक्षांत समारोह विधिवत रूप से सुबह शैक्षणिक शोभायात्रा के साथ शुरू हुई। चार सत्र में आयोजित दीक्षांत समारोह में 1249 छात्र-छात्राओं को डिग्री प्रदान की गई। वर्ष 2023 बैच के 1919 छात्र-छात्राओं में से 1249 छात्रों ने दीक्षांत समारोह के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। डिग्री लेने के लिए छात्र-छात्राएं भारतीय परिधान में मंच पर पहुंचे।

39 छात्र-छात्राओं को दिए गए मेडल


आईआईटी आईएसएम धनबाद में इस दौरान प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल एक, सिल्वर मेडल 15, स्पॉन्सर मेडल 19, बेस्ट थिसिस अवार्ड 9 को दी गई। वहीं कुल 1919 छात्रों को डिग्री दी गई। इनमें मास्टर ऑफ़ टेक्नोलॉजी के 311, बैचलर ऑफ़ टेक्नोलॉजी के 806, बीटेक और एमटेक के 20, एमबीए के 69, मास्टर ऑफ साइंस के 145, मास्टर ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के 95, इंटीग्रेटेड मास्टर ऑफ़ टेक्नोलॉजी के 66 छात्र-छात्राओं को दिया गया।

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