● अवैध बालू खनन रोकने के लिए उपायुक्त रमेश घोलप का सख्त रुख ।।

● मयूरहंड प्रखंड में बड़ी कार्रवाई, बीडीओ पर संरक्षण देने का आरोप , अवैध खनन और भंडारण पर 24 घंटे में मांगा स्पष्टीकरण ।।

● प्रशासन की सख्ती से बालू माफियाओं में मचा हड़कंप ।।

चतरा ( संजीत मिश्रा ): जिले में बालू के अवैध खनन, परिवहन और भंडारण को रोकने के लिए उपायुक्त रमेश घोलप लगातार एक्शन मोड में हैं। उन्होंने जिला टास्क फोर्स की बैठक में और संबंधित अधिकारियों से फोन पर सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसी दंडाधिकारी या पुलिस पदाधिकारी की संलिप्तता अवैध बालू खनन में प्रमाणित होती है, तो उनके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके बावजूद कुछ प्रखंडों में अवैध बालू खनन और भंडारण की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं।

● मयूरहंड प्रखंड में कार्रवाई के बाद खुलासा…..

उपायुक्त के निर्देश पर मयूरहंड प्रखंड में एसडीओ के नेतृत्व में गठित टीम ने बालू कारोबारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। इस कार्रवाई के बाद यह बात स्पष्ट हो गई कि मयूरहंड बीडीओ सह प्रभारी सीओ मनीष कुमार परोक्ष रूप से बालू माफियाओं को संरक्षण दे रहे थे।

● उपायुक्त ने जारी किया स्पष्टीकरण पत्र…..

उपायुक्त रमेश घोलप ने पत्रांक संख्या 132, दिनांक 17/01/2025 को मयूरहंड अंचल के मौजा सोकी स्थित बराकर नदी घाट पर अवैध बालू खनन और भंडारण के मामले में बीडीओ सह सीओ मनीष कुमार से स्पष्टीकरण मांगा है।

पत्र में उल्लेख किया गया है कि 12/01/2025 को चतरा अनुमंडल पदाधिकारी और पुलिस उपाधीक्षक ने संयुक्त रूप से औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मौजा सोकी स्थित बराकर नदी के आसपास बड़े पैमाने पर अवैध बालू खनन और भंडारण पाया गया। इसके बावजूद संबंधित अधिकारी द्वारा बालू माफियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

उपायुक्त ने पत्र में यह भी लिखा है कि जिला खनन टास्क फोर्स की बैठकों में अवैध खनन स्थलों का निरीक्षण करने और कार्रवाई करने के निर्देश कई बार दिए गए हैं। बावजूद इसके, संबंधित अधिकारी द्वारा इन निर्देशों की अवहेलना करना उनके कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही और वरीय पदाधिकारी के आदेश की अवमानना को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

उपायुक्त ने संबंधित अधिकारी को निर्देश दिया है कि पत्र प्राप्ति के 24 घंटे के भीतर इस मामले पर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें। अन्यथा, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

● जिला प्रशासन की सख्ती से बढ़ा दबाव…

इस कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि उपायुक्त रमेश घोलप अवैध बालू खनन पर लगाम लगाने के लिए गंभीर हैं। प्रशासन की इस सख्ती से बालू माफियाओं और उनसे जुड़े लोगों में हड़कंप मच गया है।

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