रांची । संपूर्ण भारत क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रभारी झारखंड,छत्तीसगढ़ विजय शंकर नायक ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का झारखंड दौरे पर आने पर उन्होंने मांग किया है कि प्रधानमंत्री जी झारखंड को तोहफा नहीं बल्कि विशेष राज्य का दर्जा दे । झारखंड को किसी तोहफे की आवश्यकता नहीं बल्कि झारखंड राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने की समय की मांग है ।
श्री नायक ने आगे कहा कि झारखंड जब अलग राज्य बना था, तो लगभग 14 जिला उग्रवाद प्रभावित थे । अब ये संख्या बढ़कर 21 हो गई है। राज्य में 24 जिले हैं । राज्य सरकार की रिपोर्ट बताती है कि 142 थाने नक्सल प्रभावित हैं। आज 25 प्रखंड नक्सल गतिविधियों की टॉप सूची में शामिल हैं। इन 23 वर्षों में हजारों नक्सलीयों द्वारा हत्याएं हुई हैं । इन्होंने यह भी बताया कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने भी उग्रवाद की समस्या के समाधान के लिए झारखंड को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग अपने कार्य काल मे 2012 मे किया था । उन्होंने तो नेशनल डेवलपमेंट काउंसिल की बैठक में भी प्रधानमंत्री के समक्ष विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग की थी। विरासत में इसे बेहतर विकास नहीं मिलने से यह राज्य पिछड़ता चला गया है । इसलिए इसे विशेष राज्य का दर्जा मिलना ही चाहिए। श्री नायक ने माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान आकर्षित करते हुए यह भी कहा है कि राज्य में सिंचाई की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण किसान ठीक से खेती नहीं कर पाते है । राज्य सरकार की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट बताती है कि राज्य में 29.74 लाख हेक्टेयर जमीन कृषि योग्य है । लेकिन सिंचाई की सुविधा महज 40 फीसदी है। कुल आबादी के 58 फीसदी लोग किसान और खेतिहर मजदूर हैं। 80 फीसदी लोग एक से दो हेक्टेयर जमीन के जोतदार हैं । राज्य में पर कैपिटा 250 ग्राम अनाज उपलब्ध है, जबकि राष्ट्रीय पैमाना 583 ग्राम है । आज झारखंड राज्य शिक्षा व स्वास्थ्य में भी पीछे राज्य में कुल साक्षरता दर 67.63 प्रतिशत है. इनमें महिलाओं के बीच साक्षरता दर 56.21 फीसदी है जबकि जनजातीय महिलाओं में साक्षरता दर 39. 35 प्रतिशत है ।
राज्य के 30 फीसदी बच्चे ही पूरी तरह प्रतिरक्षित हैं। राज्य में संस्थागत प्रसव की दर लगभग 40 प्रतिशत है। जनजातीय इलाकों में 72 फीसदी युवतियों की शादी कम उम्र में होती हैं। झारखंड में मातृ मृत्यु दर 261 है, जबकि राष्ट्रीय औसत 212 है।
”ये आंकड़े गवाह हैं कि विशेष राज्य की मांग जायज है और इसे मिलना ही चाहिए । राज्य के सभी पार्टी के नेता भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी एवं आजसुपा नेता सुदेश महतो ने तो कई बार विशेष राज्य का दर्जा दिलाने हेतु आंदोलन भी किया था ।
श्री नायक ने आगे यह भी बताया कि
2013 मे भाजपा सांसद शांता कुमार की अध्यक्षता वाली संसद की स्थायी समिति ने औद्योगिक रूप से पिछड़े राज्यों जैसे बिहार, ओडिशा, झारखंड तथा ऐसे ही अन्य राज्यों को विशेष श्रेणी के राज्य का दर्जा दिये जाने की सिफारिश की थी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी झारखंड को विशेष राज्य का दर्जा देने की घोषणा झारखंडी समाज को सबसे बड़ा तोहफा देने का काम होगी ।