बिहार झारखंड एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (बीजेएएनए) ने की नई कमिटी का गठन ।।

संजीव सिंह को अध्यक्ष , प्रीति कश्यप बनी उपाध्यक्ष और सुशांत कृष्ण बने सचिव ।।

नव निर्वाचित टीम कुशल नेतृत्व में 50 वीं वर्षगांठ समारोह का की जा रही है तैयारी । यादगार रहेगा स्वर्ण जयंती : संजीव सिंह अध्यक्ष (बीजेएएनए) ।।

बिहार/झारखण्ड के राज्यपाल व मुख्यमंत्री को BJANA टीम करेंगे आमंत्रित ।।

अमेरिका/झारखण्ड-बिहार । बिहार झारखंड एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (बीजेएएनए) ने 2024-2025 के लिए नई कमिटी का चयन किया है । 2 साल का यह कार्यकाल के लिए कमिटी के पुराने लोगों को महत्वपूर्ण पद पर चुना गया है। संजीव सिंह, जिन्होंने सचिव और उपाध्यक्ष सहित विभिन्न पदों पर BJANA की सेवा की है । उन्हें BJANA के नए अध्यक्ष के रूप में चुना गया है। अन्य पदाधिकारियों में उपाध्यक्ष के रूप में प्रीति कश्यप, सचिव के रूप में सुशांत कृष्ण, संयुक्त सचिव के रूप में वंदना कुमार और कोषाध्यक्ष के रूप में प्रिया रंजन शामिल हैं। इसके अतिरिक्त निर्वाचित कार्यकारिणी सदस्यों में डॉ अविषेक कुमार, अखिलेश आजाद, सारिका दुबे, दीपेन बनर्जी, राहुल सहाय, रंजीत कुमार, अनीश आनंद, बिश्वनाथ शर्मा और सलोनी साह का नाम शामिल हैं ।

पूर्व अध्यक्ष, अनुराग कुमार के नेतृत्व में, BJANA ने महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल कीं और संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत में बिहार/झारखंड के लोगों को बहुमूल्य सेवाएँ प्रदान की गई । संजीव सिंह ने अनुराग कुमार के मार्गदर्शन और समुदाय की सेवा करने के अवसर के लिए उनका आभार व्यक्त किया।

अनुराग कुमार ने नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजीव सिंह सहित सभी टीम को बधाई देते हुए नई टीम पर भरोसा जताया और उनके कार्यकाल का सफलता की कामना की । बीजेएएनए चुनाव आयोग, की टीम में डॉ. अनिल कुमार, रंजीत सिन्हा और राकेश कुमार शामिल थे, जिन्होंने नई टीम और युवा नेताओं को बधाई दी। हालांकि टीम गठन होने के पश्चात डॉ. अनिल कुमार की मौत हो गई है । उनके निधन पर ( BJANA ) परिवार दुख व्यक्त किया और कहा कि ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें, अपने श्रीचरणों में स्थान दे । संजीव सिंह ने कहा कि डॉ अनिल कुमार अपना सारा जीवन सामाजिक कार्यो में लगा दिए । उनके निधन से बिहार/झारखण्ड एसोसिएसन को अपूरणीय क्षति हुई है ।

वही डॉ. अविनाश गुप्ता, डॉ. बिनोद सिन्हा, डॉ. सुधांशु प्रसाद, शशि सिन्हा, राजीव अखौरी, भावेश चौधरी, अंजलि प्रसाद और विनय सिंह सहित कई सामुदायिक नेताओं ने नई टीम को बधाई दी और उनके सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं। फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और बीजेएएनए सदस्य आलोक कुमार ने भी नवनिर्वाचित टीम को बधाई और शुभकामनाएं दीं।

बिहार के वैशाली जिला निवासी बोकारो स्टील सिटी में जन्मे और पले-बढ़े संजीव सिंह अपनी नई भूमिका में भरपूर अनुभव लेकर आए हैं। प्रबंधन और वित्त पृष्ठभूमि के साथ, उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका में वैश्विक परामर्श संगठनों के साथ काम करते हुए और वॉल स्ट्रीट वित्तीय सेवा फर्मों की सेवा करते हुए लगभग दो दशक बिताए हैं। विदेश में रहने के बावजूद, संजीव अपनी जड़ों से जुड़े रहे हैं, उन्होंने विभिन्न सामुदायिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लिया है, और कई नए विचारों को लागू किया है, जिसमें बीजेएएनए की नई पीढ़ी और ग्रीष्मकालीन शिविर का मार्गदर्शन करना, स्थानीय परोपकारी संगठनों के साथ काम करना, बिहार और झारखंड में कल्याणकारी साझेदारी का निर्माण करना शामिल है। BJANA के धर्मार्थ कार्यों और आयोजनों के लिए धन जुटाने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थानीय व्यवसायों के साथ सहयोग स्थापित करना।

BJANA के नवनियुक्त अध्यक्ष के रूप में, संजीव सिंह समुदाय के युवा विकास नेटवर्क को बढ़ाने, एक मजबूत पेशेवर नेटवर्क बनाने, उद्यमियों का समर्थन करने और संयुक्त राज्य अमेरिका में स्टार्टअप पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उत्साहित हैं। इसके अलावा, बिहार और झारखंड में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग को बढ़ावा देना और अर्थव्यवस्था, शिक्षा और स्वास्थ्य से संबंधित सामुदायिक विकास पहल में सक्रिय रूप से भाग लेना भी मुख्य एजेंडा होगा।

1975 में स्थापित, BJANA उत्तरी अमेरिका में बिहार और झारखंड समुदायों के लिए समर्पित सेवा के समृद्ध इतिहास का दावा करता है। समुदाय की एक मजबूत भावना को पोषित करने पर केंद्रित पुनर्जीवित दृष्टिकोण के प्रति संजीव सिंह के जुनून के साथ, संगठन अपने परोपकारी प्रयासों को जारी रखने की अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ है।

यह उल्लेखनीय है कि संगठन ने 50 वर्षों की सेवा और सामुदायिक सहभागिता को चिह्नित करते हुए अपनी भव्य स्वर्ण जयंती मनाने का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। पूरे उत्तरी अमेरिका से भागीदारी की आकांक्षा बिहार और झारखंड के साथ संबंध साझा करने वाले व्यक्तियों के व्यापक स्पेक्ट्रम को एकजुट करने और शामिल करने की इच्छा को इंगित करती है। इस आशय की जानकारी लखेन्द्र दांगी ने दी है ।

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