रांची । मइया सम्मान योजना देने के लिए मंत्रियों को सुविधाओं में कटौती करनी चाहिए उपरोक्त बातें आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व विधायक प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने मंगलवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा । उन्होंने कहा कि मइया को सम्मान देना राज्य की आधी आबादी के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में स्वागत योग्य कदम है। आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच इस कदम का स्वागत करता है।
नायक ने आगे कहा कि मइया सम्मान योजना के माध्यम से सरकार महिलाओं को सम्मान देने का प्रयास कर रही है। लेकिन, दूसरी ओर, कई महीनों से वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन और छात्रवृत्ति जैसी योजनाओं की राशि बंद है। यह वृद्धों, विधवाओं और अनुसूचित जाति/जनजाति के विद्यार्थियों के साथ घोर अन्याय है।
सरकार को चाहिए: सबका साथ, सबका विकास के मॉडल को अपनाते हुए अधिसूचना जारी करे कि राज्य के सभी मंत्री अपनी सुविधाओं में कटौती करें।
मंत्री केवल एक सरकारी गाड़ी और एक एस्कॉर्ट पुलिस वाहन का उपयोग करें।
कई विभागों की गाड़ियों को अपने काफिले में शामिल करना और बेवजह सरकारी धन की फिजूलखर्ची बढ़ाना राज्यहित में नहीं है।
मइया सम्मान योजना को चलाने के लिए विभागीय विकास योजनाओं की राशि को अन्य मदों में स्थानांतरित करना उचित नहीं है। यह राज्य की गरीब जनता के लिए शुभ संकेत नहीं है।
फिजूलखर्ची पर रोक लगाने की मांग:
नायक ने कहा कि इस योजना को सफलतापूर्वक चलाने के लिए गैर-योजना और स्थापना मद में व्यापक कटौती की जानी चाहिए। साथ ही, फिजूलखर्ची रोकने और आंतरिक संसाधनों को विकसित करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि राज्य की विकास राशि को अन्य मदों में खर्च कर वाहवाही लूटना गरीब राज्य के लिए उचित नहीं है। योजना का संचालन स्थायी वित्तीय प्रबंधन के आधार पर होना चाहिए, न कि विकास कार्यों की राशि में कटौती करके।
नायक ने अपील की है कि मइया सम्मान योजना जारी रहनी चाहिए, और हर महिला को सम्मान मिलना चाहिए, लेकिन यह अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं की राशि काटकर नहीं होना चाहिए। राज्य सरकार को संतुलित नीति अपनाकर हर वर्ग के साथ न्याय करना चाहिए।