रिजेक्ट वादों को एक्सेप्ट कर रहे है सीओ , सॉफ्टवेयर में भी है खामियां : पवन कुमार , प्रमंडलीय आयुक्त , हजारीबाग ।।
चतरा । उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल, हजारीबाग के प्रमंडलीय आयुक्त पवन कुमार ने शनिवार को चतरा का दौरा किया। उनके चतरा परिसदन पहुंचने पर उपायुक्त रमेश घोलप ने उन्हें पौधा भेंट कर स्वागत किया। इसके बाद समाहरणालय के सभा कक्ष में प्रमंडलीय आयुक्त पवन कुमार की अध्यक्षता में राजस्व से संबंधित समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई।
बैठक के दौरान मुख्य रूप से ई-कोर्ट, म्यूटेशन के लंबित मामलों, और भारतमाला परियोजना में अधिग्रहीत भूमि के रैयतों को मुआवजा संबंधित मुद्दों की बिंदुवार समीक्षा की गई। साथ ही, आयुक्त ने इन मुद्दों के समाधान के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।
प्रमुख निर्देश और जानकारी:
दाखिल-खारिज मामलों का निपटारा : आयुक्त पवन कुमार ने सभी अंचल अधिकारियों को निर्देश दिया कि दाखिल-खारिज के लंबित मामलों का निपटारा न्यूनतम 30 दिनों में और अधिकतम 90 दिनों के भीतर किया जाए।
भू-अर्जन की प्रगति : भू-अर्जन की समीक्षा के दौरान, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी वैभव कुमार सिंह ने बताया कि भारतमाला परियोजना चतरा जिले के चार अंचलों—हंटरगंज, चतरा, पत्थलगड्डा, और सिमरिया—से गुजर रही है। परियोजना के लिए अधिग्रहीत भूमि के मुआवजे के रूप में 157 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जिसमें से लगभग 100 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
यह बैठक न केवल लंबित मामलों के शीघ्र समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण थी, बल्कि क्षेत्रीय विकास परियोजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए भी जरूरी कदम उठाए गए।
प्रेस वार्ता के दौरान प्रमंडलीय आयुक्त पवन कुमार ने एक सवाल के जवाब में कहा, “आपका कहना बिल्कुल सही है। कुछ ऐसे मामले प्रकाश में आए हैं, जहां रिजेक्ट हुए वादों को पुनः सीओ द्वारा स्वीकार किया जा रहा है। इसके अलावा, हमारे सॉफ्टवेयर में भी कुछ खामियां हैं। आप जानते हैं कि कंप्यूटर सिर्फ एक प्रोग्रामिंग आधारित सॉफ्टवेयर है, जो जितना प्रोग्राम किया जाता है, उतना ही काम करता है। जो खामियां सॉफ्टवेयर में पाई गई हैं, उन्हें विभाग के ध्यान में लाया जा रहा है। आने वाले समय में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि एक बार रिजेक्ट हुए वाद की ऑनलाइन एंट्री दुबारा न हो सके।”
अंचल कार्यालय के सुधार पर जब उनसे पूछा गया कि क्या इस दौरे के बाद आम जनता को अंचल कार्यालय के चक्कर से निजात मिल पाएगी, तो उन्होंने जवाब दिया, “बिल्कुल मिलेगा। मैंने सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दे दिए हैं।” उन्होंने आगे कहा, “अभी मेरा प्रभार संभाले हुए मात्र तीन महीने हुए हैं, जिनमें से दो महीने चुनावी कार्यों में व्यस्त रहा। मैं लगातार सभी जिलों का दौरा कर रहा हूं। यह मेरा चौथा जिला है। इसी महीने कोडरमा और बोकारो का दौरा भी तय है। इसके बाद अंचल और प्रखंड स्तर पर निरीक्षण का चरण शुरू होगा।
यदि निरीक्षण के बाद भी अंचल कार्यालय और प्रखंड विकास पदाधिकारियों की कार्यशैली में सुधार नहीं होता है, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई और अन्य आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।”
सोशल मीडिया पर सरकारी वाहन दुरुपयोग संबंधित वायरल खबर पर उन्होंने कहा, “आपके माध्यम से यह मामला संज्ञान में आया है। दूसरी हाफ में होने वाली बैठक में इस पर डीसी साहब से चर्चा करूंगा। साथ ही, इसकी जांच कराई जाएगी। यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी। आयुक्त ने साफ शब्दों में यह संकेत दिया कि प्रशासन की कार्यशैली में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।