निर्माण के एक ही महीने में बाउंड्री वॉल में जगह-जगह दरारें, गेट की दीवार भी टूटी
चतरा (संजीत मिश्रा )। चतरा जिले में कनीय अभियंता , सहायक अभियंता और कार्यपालक अभियंता की लापरवाही और संवेदकों को संरक्षण देने के कारण सरकारी योजनाओं में भारी गड़बड़ियां हो रही हैं। निर्माण कार्य में घटिया सामग्री के उपयोग और भ्रष्टाचार के कारण जनता के पैसे की बर्बादी हो रही है। संबंधित अभियंता, अपने कमीशन के लालच में, निर्माण कार्य की सही निगरानी तक नहीं करते। पकड़े जाने पर भी ठोस कार्रवाई का अभाव इन गड़बड़ियों को बढ़ावा दे रहा है।
ऐसा ही एक मामला पत्थलगड़ा प्रखंड कार्यालय सह अंचल कार्यालय परिसर में सामने आया है। यहां ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल, चतरा द्वारा करीब ₹23,98,506 की लागत से बाउंड्री वॉल का निर्माण कार्य कराया गया। संवेदक रामचंद्र दांगी ने घटिया सामग्री का इस्तेमाल करते हुए जैसे-तैसे निर्माण कार्य पूरा कर दिया। नतीजतन, एक महीने के भीतर ही बाउंड्री वॉल में जगह-जगह दरारें आ गईं, और गेट की दीवार भी टूट गई।
स्थानीय पत्रकारों ने इस गड़बड़ी को उजागर करते हुए विभिन्न अखबारों व सोसल मीडिया के माध्यम से खबर प्रकाशित की, जिसके बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) कलीन्द्र साहू ने मामले को गंभीरता से लिया। 7 जनवरी को उन्होंने जांच टीम का गठन कर 24 घंटे में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया। लेकिन जांच टीम ने बीडीओ के आदेश को नजरअंदाज कर दिया, और अब तक रिपोर्ट नहीं दी गई।
बीडीओ कलीन्द्र साहू ने सोमवार को कहा कि जांच टीम की लापरवाही के कारण रिपोर्ट अब तक नहीं आई है। बाउंड्री वॉल में हुई दरारें और गेट की टूटी दीवार स्पष्ट रूप से संवेदक रामचंद्र दांगी द्वारा घटिया सामग्री के उपयोग को दर्शाती हैं। इसके बावजूद संबंधित अधिकारी मामले पर मौन साधे हुए हैं।
इस गड़बड़ी का उजागर किये जाने के बावजूद संवेदक और संबंधित अधिकारियों पर करवाई नहीं किया जाना यह दर्शाता है कि भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने के बावजूद गम्भीरता से नहीं लिया जा रहा है और दोषियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है ।
सरकारी योजनाओं में हो रही इस तरह की अनियमितताएं न केवल जनता के पैसे की बर्बादी हैं, बल्कि सरकारी तंत्र की जवाबदेही पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। प्रशासन को इस मामले में सख्त कार्रवाई कर जिम्मेदार लोगों को दंडित करना चाहिए।