अवैध नर्सिंग होम संचालकों के विरुद्ध सख्त हुई जिला प्रशासन । उपायुक्त रमेश घोलप के निर्देश पर लगातार चलाया जा रहा है छापेमारी अभियान ।।
रविवार को लीपदा मंदिर के समीप एक निजी नर्सिंग होम को किया गया सील । दोषी संचालक के विरुद्ध कानूनी करवाई शुरू ।।
चतरा ( संजीत मिश्रा )। उपायुक्त के निर्देश पर अवैध नर्सिंग होम के विरुद्ध अनुमण्डल टास्क फोर्स कमिटी ने सदर थाना क्षेत्र के बस स्टैंड के समीप बड़ी करवाई की है । इस करवाई में एक झोला छाप यूट्यूब सर्जन चंदन और एक नर्सिंग होम संचालक राकेश को गिरफ्तार करते हुए कुल पांच दोषियों के विरुद्ध करवाई किया गया है । करवाई के पश्चात सदर थाना में काण्ड संख्या 224/24 दर्ज किया गया है । इस काण्ड संख्या में झोला छाप यूट्यूब सर्जन चंदन और एक नर्सिंग होम संचालक राकेश उर्फ रंजन , झोला छाप 12 वीं पास डॉ शम्भू कुमार सहित कुल पांच लोगों पर टास्क फोर्स कमिटी की रिपोर्ट के आधार पर सदर थाना प्रभारी के द्वारा एफआईआर दर्ज किया गया है । वही रविवार को भी अनुमण्डल टास्क फोर्स कमिटी ने औचक छापेमारी अभियान में लीपदा मन्दिर के समीप छापेमारी अभियान चलाकर एक निजी नर्सिंग होम को सील कर दिया तथा समाचार लिखे जाने तक अग्रतर करवाई किया जा रहा था ।
सिवल सर्जन के अजब-गजब कारनामा ।
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जिले में 160 से 170 अवैध नर्सिंग होम संचालन हो रहा है । इसकी पुष्टि पत्रकार नहीं बल्कि जिले के सबसे बड़े स्वास्थ्य अधिकारी सिविल सर्जन साहब ने योगदान लेने के बाद क्षेत्र भ्रमण कर मीडिया को बयान में बताया था और उन्होंने यह भी कहा था कि अवैध नर्सिंग होम के विरुद्ध सतत प्रक्रिया के आधार पर कठोर करवाई की जाएगी पर उनका कथनी व करनी में काफी अंतर दिखा । उन्होंने इस बयान के बाद अवैध नर्सिंग होम के विरुद्ध करवाई के बजाय अप्रत्यक्ष रूप से संरक्षण देने का कार्य करते रहे । जिले में सिवल सर्जन जगदीश प्रसाद के योगदान लेने के पश्चात अब तक आधा दर्जन से अधिक मरीजों की मौत झोला छाप के गलत ईलाज के कारण हो गई है और महाभारत के धृतराष्ट्र की भूमिका में बन तमाशबीन बने रहे ।
उपायुक्त रमेश घोलप स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार को लेकर गंभीर ।
जिले के उपायुक्त रमेश घोलप स्वास्थ्य व्यवस्था की चरमराई स्थिति को देखते हुए मासिक बैठक के दौरान सिविल सर्जन को कई बार सुधार लाने का निर्देश दिए पर जिला के उपायुक्त की आदेश तो छोड़िए सम्बंधित मंत्री , सचिव व निदेशक प्रमुख के भेजे गए पत्र ( आदेशों ) को भी सिविल सर्जन ने नहीं माना है तो उपायुक्त के आदेश को कितनी गंभीरता में पालन करेंगे यह आप सभी भली भांति समझते ही होंगे । सिविल सर्जन जगदीश प्रसाद के कारनामों से तंग आकर राज्य अधिकारी से लेकर जिला प्रशासन स्वयं कमान संभालते हुए जिले में औचक छापेमारी अभियान चलाया । राज्य की टीम ने पिछले माह तीन नर्सिंग होम के विरुद्ध छापेमारी कर गड़बड़ियों का उल्लेख करते हुए विधि संवत करवाई के लिये सिविल सर्जन को निर्देश दिया पर सिविल सर्जन साहब कितना गंभीर है यह आप जिले की स्थिति से समझ रहे है । वही जिला प्रशासन मरीजों की असमय मौत व गर्भपात को रोकने के लिए इसे गंभीरता से लेते हुए टास्क फोर्स गठन करते हुए बड़ी करवाई किया है तथा दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है । सबसे मजे की बात यह है कि इस कमिटी में सिविल सर्जन को शामिल नहीं किया गया है ताकि लीपापोती इनकी नहीं चल सके ।
क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट सर्टिफिकेट बनवाकर नियम विरुद्ध बिना एमबीबीएस डिग्री के डॉक्टरों के विरुद्ध आगे भी करवाई जारी ……
उपायुक्त रमेश घोलप ने चतरा वासियों से यह अपील की है कि दलालों के चक्कर मे पड़कर आप सभी वैसे स्वास्थ्य संस्थान में नहीं जाएं जहां बिना डिग्री के डॉक्टर ईलाज करते है । सरकार आम जनता का स्वास्थ्य को लेकर काफी सजग है तथा उनके बेहतर ईलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाई जा रही है । इसलिए दलालों के चक्कर मे नहीं पड़े । वही दूसरी ओर उन्होंने कहा कि वैसे सभी नर्सिंग होम के विरुद्ध करवाई किया जाएगा जो सिर्फ क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट सर्टिफिकेट बनाकर नियम विरुद्ध , बिना डॉक्टर (एमबीबीएस ) की डिग्री ईलाज कर रहे है ।