प्रतापपुर में जच्चा बच्चा की मौत मामले में झोला छाप डॉक्टर पर मुकदमा दर्ज , इस जिले में बिना डॉक्टर चल रहे नर्सिंग होम ,जानिए

चतरा । झोला छाप डॉक्टर द्वारा गलत इलाज किए जाने के कारण जच्चा -बच्चा का मौत मामले मे प्रतापपुर थाना स्तिथ कसमार गांव में ‌संचालित अन्नु नर्सिंग होम को सोमवार को प्रशासन ने सिल कर दिया है। नर्सिंग होम में जच्चा और बच्चा की मौत को लेकर प्रतापपुर थाना में कांड संख्या 19/24 के तहत अन्नु नर्सिंग होम संचालक झोला छाप डॉक्टर रंजीत कुमार डॉक्टर रविन्द्र कुमार, नर्सिंग होम में काम कर रही नर्स पनवा देवी पर मुकदमा दर्ज किया गया है ।

आपको बता दें कि कुकुरमुत्ते की तरह प्रतापपुर में वर्षों से दर्जनों अवैध नर्सिंग होम संचालित है। अप्रिय घटना घटित होने के पश्चात कई बार ऐसे नर्सिंग होम के विरुद्ध प्रखंड प्रशासन की ओर से सील किए जाने की प्रक्रिया किया गया है । परन्तु अवैध रूप से संचालित नर्सिंग होम संचालक अपने कार्यों से बाज नहीं आ रहे हैं। अन्नु नर्सिंग होम को इसके पहले भी सिल करने की कार्रवाई किया गया था परन्तु चंद रुपयों के लालच में संबंधित विभाग के अधिकारी फर्ज व कर्तव्य को भूलकर ईमान को गिरवी रख नर्सिंग होम को खुलवाते आ रहे है ।

नर्सिंग होम संचालन के लिए आवश्यक दस्तावेज, अग्नि विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र, प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र एवं जैव अपशिष्ट पदार्थों का निस्तारण के लिए एजेंसी का एमओयू , कागजात के साथ कम से कम एमबीबीएस डिग्री का डॉक्टर होनी चाहिए । इस जिले में एक या दो निजी अस्पताल व नर्सिंग होम मे आहर्ता पूर्ण कागजात मिल सकता है बाकी नर्सिंग होम की बात करें तो स्वास्थ्य विभाग के रहमो करम पर संचालित है । इससे यह साफ प्रतीत हो रहा है कि जिले मे नियम कानून का धज्जियां उड़ाने में सिविल सर्जन जगदीश प्रसाद का सबसे बड़ा हांथ है और तमाशबीन बनकर अप्रत्यक्ष रूप से अवैध नर्सिंग होम के संचालकों को संरक्षण देने का काम करते आ रहे है । अफसरों की मनमानी का नतीजा यह है कि नर्सिंग होम एक्ट बगैर अनुपालन किए दर्जनो नहीं बल्कि सैकड़ो अवैध नर्सिंग होम संचालित है तथा मौत बांटने का शीलशिला जारी

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