जिला प्रशासन के आदेश पर भारी पड़ा अवैध नर्सिंग होम संचालक ।।

सील करने का आदेश को दिखाया ठेंगा , सिविल सर्जन का मिल रहा भरपूर सहयोग ।

राष्ट्रीय शान

चतरा । जिले में अवैध नर्सिंग होम का कारोबार बढ़ता ही जा रहा है । इसका मुख्य कारण है कि संबंधित अधिकारियों का अप्रत्यक्ष रूप से वरदहस्त प्राप्त है । खबरें छपती है , आनन फानन में करवाई के लिए पत्र भी निकाला जाता है या करवाई के लिए टास्क फोर्स का गठन किया जाता है पर करवाई के जगह मामले को ठन्डे बस्ते में डाल दिया जाता है । अवैध नर्सिंग होम पर करवाई के नाम पर पुनः मुसको भवः का दिए वरदान को याद कर अधिकारी अपनी निजी जिम्मेवारी निजी नर्सिंग होम संचालको के पक्ष मे पूरी ईमानदारी से निभा रहे है ।

अगस्त माह में सिविल सर्जन जगदीश प्रसाद ने योगदान दिया । योगदान देते ही मीडिया के समक्ष बड़े-बड़े बयान दिए । कहा कि मैं अपने मन से देख रहा हूँ कि इतना कुकुरमुत्ते की तरह कैसे फैला हुआ है कही तो गड़बड़ है । कैसे दिया गया है । हमने देखा है कि अवैध नर्सिंग होम 160 तथा 170 से कम नही है । नवम्बर में दिए बयान में कहा कि डीसी साहब ने हमको निर्देश दिए है कि 15 दिन नहीं 30 दिन नहीं 40 दिन का समय देते है । यह सतत प्रक्रिया है दो चार का इस सप्ताह में देखिये । दस को इस सप्ताह में देखिए । ये सतत प्रक्रिया है सुधार करिये । इसके बावजूद सिविल सर्जन साहब को कोई फर्क नहीं पड़ा । तथा कथनी और करनी दोनों अलग-अलग है ।

एमएस सेवा सदन को सील करने का आदेश कई बार निकाला गया पर । यहां तक कि उपायुक्त ने भी इस संदर्भ में गम्भीरता से संज्ञान लेते हुए सील करने का आदेश दिया पर सम्बंधित अधिकारी को कोई फर्क नहीं पड़ा । आखिरकार एमएस सेवा सदन के संचालक जिला प्रशासन के आदेश पर भारी पड़ा और अपना नर्सिंग होम संचालित रखा । इस बीच एक खेल सिविल सर्जन के द्वारा खेला गया । सील के आदेश के बाद उन्होंने 10 हजार का फाईन करके क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट में सुधार लाने के लिए 16 दिसम्बर तक का समय दिया । समय सीमा समाप्त होने के बावजूद नर्सिंग होम में मेहरबानी जारी रहा । हालांकि मीडिया जब भी इस मामले को अवगत कराया तो पुनः टास्क फोर्स का गठन किए जाने और जल्द करवाई किए जाने की बात कहते रहे पर करवाई अब तक नहीं किया जाना कई सारे सवालों को जन्म दे रही है वही जिला प्रशासन की हर आदेशों पर एमएस सेवा सदन भारी पड़ा । वही दूसरी ओर सिविल सर्जन जगदीश प्रसाद का योगदान देने के बाद से बगैर रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस का अवैध नर्सिंग होम लगातार जिला मुख्यालय मे खुल रहा है । कारवाई के नाम पर ढ़ोल पीटने मे लगे हुए है ।

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