आदेश को ठेंगा : उपायुक्त के आदेश के बाद भी कार्रवाई नहीं, चल रहा अवैध नर्सिंग होम ।।

सिर्फ कागजों पर दौड़ रही है करवाई , स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी पवार का कर रहे है दुरुपयोग ।।

राष्ट्रीय शान

चतरा । आम भाषा में कहा जाता है कि सरकारी कागजों की करवाई कभी नहीं मरता है । यह कहावत 100% सही माना जायेगा । ताजा उदाहरण चतरा जिले का है । जहां आदमी तो मर रहे है पर कागजी करवाई तेजी से दौड़ रहा है और निरंतर जारी है । यह हाल है चतरा जिले के स्वास्थ्य विभाग का । जिसके संरक्षण में 160 से 170 अवैध रूप से संचालित निजी नर्सिंग होम के विरुद्ध स्थल पर भले ही करवाई अब तक नहीं किया गया है पर कागजी करवाई दनादन किया जा रहा है । यह बात सिविल सर्जन भी स्वीकारा है कि इनके विरुद्ध करवाई होनी चाहिए पर कथनी और इनके करनी दोनों में काफी अंतर है । बिना लाइसेंस क्लीनिक के खुलेआम हो रहे संचालन तथा गलत ईलाज करने के दौरान आधा दर्जन से अधिक मौत हो जाने के बाद भी इनके विरुद्ध कार्रवाई करने की दिशा में स्वास्थ्य महकमा के अधिकारी उदासीन बने हुए है। यह मैं नहीं बल्कि विगत एक वर्षो से किये जा रहे कागजी करवाई से साबित होता है ।

उपायुक्त अबु इमरान ने जिले में संचालित अवैध नर्सिंग होम की सूची तैयार कर कार्रवाई करने का आदेश कई बार दिए है । लेकिन विभाग अब तक कार्रवाई करना तो दूर, अवैध रूप से संचालित निजी नर्सिंग होम का जांच करना भी मुनासिब नहीं समझा है । मालूम हो कि जिला मुख्यालय समेत विभिन्न प्रखंड मुख्यालयों एवं कस्बाई बाजारों में दर्जनों अवैध निजी नर्सिंग होम, समेत क्लीनिक विभागीय मानकों को ताक पर रखकर संचालित किए जा रहे हैं। कई नर्सिंग होम के आगे एमबीबीएस डॉक्टर के बोर्ड भी लगे हैं। जबकि वहां मरीजों का इलाज झोला छाप डॉक्टर ही करते हैं। इतना ही नहीं कई झोला छाप नर्सों ने भी अपने नर्सिंग होम के आगे स्त्री एवं प्रसव रोग विशेषज्ञ का बोर्ड लगा रखा है। इस मामले में हर बार एक ही बयान सिविल सर्जन देते आ रहे है । उनका कहना है कि सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को टास्क फोर्स गठन कर करवाई के लिए पत्र लिखा गया है । करवाई करना प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी का है ।

सरकारी निर्गत पत्र के आधार पर देखा जाय तो पिछले एक वर्षो से करवाई के नाम पर पत्राचार का खेल खेला जा रहा है । इस मामले में शिथिलता बरत रहे अधिकारियों को यह पता है कि मुझे कुछ नहीं होने वाला है ज्यादा से ज्यादा स्पस्टीकरण पूछा जाएगा उसका जवाब दे दिया जायेगा । बगैर क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट सर्टिफिकेट नर्सिंग होम जिला मुख्यालय में संचालित है और इसकी जानकारी मीडिया के माध्यम से लेकर वरीय अधिकारी के द्वारा करवाई के आदेश के बावजूद स्वास्थ्य विभाग के किसी भी अधिकारियों के कान में जूँ तक नहीं रेंग रही है ।

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