नार्को समन्वय केंद्र (एनसीओआरडी) जिला स्तरीय समिति की समीक्षा बैठक आयोजित

नशे के कारोबार में संलिप्त दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा : रमेश घोलप , उपायुक्त

चतरा : सोमवार को समाहरणालय स्थित सभा कक्ष में उपायुक्त रमेश घोलप की अध्यक्षता में निषेध मादक पदार्थों के दुरुपयोग की रोकथाम और संबंधित कार्रवाइयों की समीक्षा हेतु नार्को समन्वय केंद्र (एनसीओआरडी) की जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में पुलिस अधीक्षक विकास कुमार पांडेय, वन प्रमंडल पदाधिकारी (दक्षिणी) मुकेश कुमार, अपर समाहर्ता अरविंद कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी सिमरिया सन्नी राज, अनुमंडल पदाधिकारी चतरा जहूर आलम, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी चतरा, सिमरिया और टंडवा समेत अन्य संबंधित अधिकारी व कर्मी उपस्थित थे। बैठक में थाना और अंचल स्तर पर अफीम की खेती और मादक पदार्थों के दुरुपयोग के विरुद्ध अब तक की गई कार्रवाई की समीक्षा की गई। उपायुक्त ने सभी थाना प्रभारियों और अंचल अधिकारियों को निर्देश दिया कि अफीम की खेती और कारोबार पर सख्त कार्रवाई करें: अफीम की खेती की सूचना पर तुरंत विनष्टीकरण सुनिश्चित करें। खेती में संलिप्त व्यक्तियों और कारोबारियों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई करें।

जागरूकता अभियान को तेज करें: आम जनता के बीच नशीले पदार्थों और अफीम की खेती के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता अभियान को प्रभावी ढंग से संचालित करें।

रैयती और सरकारी भूमि पर कार्रवाई: रैयती भूमि पर अफीम की खेती पाए जाने पर भूमि मालिक और इसमें संलिप्त अन्य व्यक्तियों पर कार्रवाई की जाए। सरकारी और वन भूमि पर खेती रोकने के लिए विशेष कदम उठाए जाएं।

थाना प्रभारियों ने बताया कि अफीम की खेती या कारोबार की सूचना मिलते ही हमलोग वन विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर त्वरित कार्रवाई का प्रयास करते है । उपायुक्त ने सभी विभागों से बेहतर समन्वय बनाए रखने और अभियान को और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि थाना स्तर पर हर महीने की गई कार्रवाई की बिंदुवार समीक्षा की जाएगी।

उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि ऐसे लोग जो भोले-भाले व्यक्तियों को लालच देकर मादक पदार्थों के अवैध व्यापार में धकेलते हैं, उन्हें किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। जिले में अफीम की खेती और नशीले पदार्थों के कारोबार को खत्म करने के लिए व्यापक अभियान चलाया जाएगा।

बैठक में संबंधित थाना प्रभारी, अंचल अधिकारी, वन विभाग के अधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी और अन्य संबंधित कर्मी उपस्थित थे। बैठक का उद्देश्य जिले को मादक पदार्थों व पोस्ता (अफीम ) खेती से मुक्त कराना और संबंधित कार्रवाइयों को सख्ती से लागू करना था।

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