संविधान सभी धर्मो को एक साथ जोड़ रखा है जो संविधान की खूबसूरती है : डा० फहीम अहमद

देश और संविधान को और भी सशक्त बनाए रखने की जिम्मावरी युवों को है_ निरज भारद्वाज।

राष्ट्रीय शान

चतरा । हंटरगंज स्थित राम नारायण मेमोरियल डिग्री कॉलेज के सभागार में एनएसएस के बैनर तले संविधान दिवस का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभ आरंभ संविधान निर्माता डॉ०भीम राव अम्बेडकर के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया गया।इस मौके पर सभा को संबोधित करते हुए एनएसएस पीओ डा० फहीम अहमद ने कहा कि भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है।भारत देश में अनेक धर्म और पंथ के लोग आजादी के साथ रहते हैं।सभी धर्मो का अपनी अपनी धार्मिक ग्रंथ हैं। सभी धर्मो के धार्मिक ग्रंथ व्यापक और बड़ा है।सभी धर्मो में जीवन शैली की व्याख्या की गई है।परंतु भारत का भारतीय ग्रंथ संविधान है जो सभी धर्मावलंबियों को अपने अंदर समाहित किए हुआ है।यही संविधान की खूबसूरती है।भारतीय संविधान लचीला होने के साथ कठोर भी है जो लोकतंत्र को सशक्त और मजबूत बनाए रखने में सहायक है। संविधान जहां व्यापक अधिकार देता है वहीं कर्तव्यों का भी बोध कराता है।

वही एनएसएस स्वयंसेवक नीरज भारद्वाज ने अपने संबोधन में कहा कि भारत विविधताओं से भरा हुआ है जो यहां की खूबसूरती और अनमोल धरोहर है। उसने आगे कहा कि भारत वही देश है जहां अलीगढ़ की दो पहरी तो अवध की शाम नजर आती है। जहां मौलवी की अजान और पंडित की आरती यहां देखा जा सकता है। यही सदभाव बनाने में संविधान महती भूमिका निभा रहा है। यही सद्भाव की कड़ी संविधान और देश को मजबूती प्रदान करता है।इस संविधान और देश को बचाने की जिम्मवरी नवयुकों के कंधो पर है।संविधान के प्रस्तावना का शपथ छोटी सिंह ने दिलाया। जबकि पवन कुमार,शोएब आलम ,गुड्डू कुमार,नाज परवीन,शुभम कुमार,गुलशन परवीन,नेहा परवीन,शाहीन परवीन ने भी संबोधित किया।

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