रांची: झारखंड के युवा नेता और जनप्रतिनिधि विजय शंकर नायक ने राज्य में हो रही हत्याओं और बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि “राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है, और अपराधियों के आगे राज्य की जनता पूरी तरह से असुरक्षित महसूस कर रही है। हत्याओं का दौर जारी है, और पुलिस-प्रशासन केवल बयानबाजी तक सीमित रह गया है।”
विजय शंकर नायक ने राज्य में बढ़ते अपराधों को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की आलोचना करते हुए कहा कि “हेमंत सरकार की नाकामी के कारण झारखंड के दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के लोग लगातार निशाना बन रहे हैं। राज्य में अपराधियों और माफियाओं का बोलबाला हो चुका है, और सरकार को इन घटनाओं की कोई चिंता नहीं है। ऐसे में यह सरकार सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है।”
उन्होंने कहा कि “राज्य में बढ़ते अपराधों के कारण अब अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ चुका है कि वे दिनदहाड़े राजनीतिक नेताओं की हत्या कर रहे हैं। कांके थाना क्षेत्र के पास अनील टाइगर राजनीतिक नेता की दिनदहाड़े हत्या एक उदाहरण है। अब यह स्थिति विकट हो चुकी है और केंद्रीय गृह मंत्रालय को इस पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए।”
श्री नायक ने सरकार से आग्रह किया कि वह झारखंड की कानून व्यवस्था की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजे ताकि अपराधों पर लगाम लगाई जा सके और राज्य की विधि व्यवस्था में सुधार किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि यदि राज्य सरकार कानून व्यवस्था को सुधारने में नाकाम रहती है, तो उसे अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। नायक ने झारखंड की जनता के सुरक्षा के अधिकार की बात करते हुए कहा, “अब ऐसा लगता है कि झारखंड की जनता का भगवान ही मालिक है, क्योंकि राज्य में सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है।”