राजधानी की 11 नदियों को किया गया चिन्हित, 150 करोड़ से आरसीसी पिलर से कैचमेंट एरिया की होगी मार्किंग
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रांची ।नदियों पर हुए अतिक्रमण संबंधी मामलों में झारखंड जल संसाधन विभाग अब जलाशयों के अलावा छोटी नदियों को बचाने की योजना पर भी काम करेगा । इसके तहत नदियों के कैचमेंट एरिया और उस एरिया में अतिक्रमण करने वालों को चिन्हित कर कार्रवाई किया जाएगा । वहीं दूसरी तरफ छोटी नदियों को स्थानीय कब्जेधारियों से बचाने के लिए उद्गम स्थल से जिला सीमांकन तक चहारदिवारी की जाएगी । नदियों के कैचमेंट एरिया को आरसीसी पिलर से दर्शाया जाएगा । जिससे उस पिलर के अंदर कोई व्यक्ति कब्जा कर निर्माण कार्य नहीं करे ।
जल संसाधन विभाग के वाटर वेज विंग, रांची ने पहले चरण में तीन नदियों के कैचमेंट एरिया के मार्किंग को लेकर काम शुरू कर दिया है । टेंडर प्रकिया से एजेंसी का चयन होना है। पहले चरण में स्वर्णरेखा नदी, जुमार नदी और हरमू नदी के कैचमेंट एरिया की मार्किंग होगी । आरसीसी पिलर से मार्किंग को दर्शाया जाएगा । स्थानीय अंचल कार्यालय मार्किंग कार्य में सहयोग करेगा । कैचमेंट एरिया मार्किंग योजना की विस्तृत जानकारी विभाग द्वारा हाईकोर्ट को भी उपलब्ध कराया जाएगा ।
वाटर वेज विंग पहले चरण में चार नदियों के संरक्षण पर 105 करोड़ रुपए खर्च करेगी । एक साल में चार नदियों के कैचमेंट एरिया को दर्शाने का काम पूरा होना है । पहले चरण के तहत नदियों के तहत दोनों तरफ बसावट क्षेत्र में आरसीसी की दीवार भी बनाई जाएगी ।
- हरमू नदी के उद्गम स्थल से विद्यानगर, डोरंडा होते हुए स्वर्णरेखा घाट तक मार्किंग का काम होगा । तकरीबन 16 किलोमीटर नदी के दोनों तरफ पिलर लगाए जाएंगे । इसपर करीब 50 करोड़ खर्च का अनुमान लगाया गया है । इसमें कई जगह आरसीसी वाल भी बनाया जाना है । वहीं डोरंडा होते हुए हुंडरू तक 60 लाख की लागत से आरसीसी पिलर भी जगह-जगह लगाया जाएगा ।
2 . स्वर्णरेखा नदी के उद्गम स्थल रानीचुआं से हटिया, तुपुदाना होते हुए अनगड़ा तक कैचमेंट एरिया के दोनों तरफ घेराबंदी होगी. तकरीबन 20 किमी तक आरसीसी पिलर लगाने पर 3 करोड़ रुपए खर्च का आकलन लगाया गया है ।
3 . जुमार नदी के उद्गम स्थल काटमकुल्ली से मेसरा तक नदी की घेराबंदी का काम किया जाएगा । नदी के 25 किमी लंबाई तक दोनों तरफ दो करोड़ की लागत से आरसीसी पिलर लगाया जाएगा ।
राजधानी रांची में बहने वाली 11 नदियों को चिन्हित किया गया है । इसमें पंडरा नदी, डुगडुगिया नदी पुंदाग, पोटपोटो नदी कांके, आनी नदी धुर्वा, भुसूर नदी धुर्वा, करम नदी मोरदाबादी, बजरा नदी हेहल, हिनू नदी, स्वर्णरेखा नदी, जुमार नदी और हरमू नदी शामिल है । इन नदियों के कैचमेंट एरिया को आरसीसी पिलर से दर्शाने का कार्य होगा । हाईकोर्ट में सौपी गई रिपोर्ट के अनुसार रांची की इन 11 नदियों के कैचमेंट एरिया में निर्माण कर बहाव को प्रभावित कर दिया गया है । कहीं-कहीं तो जमीन दलालों ने नदी के एरिया को पैसे लेकर रजिस्ट्री कर दिया है । कई बड़े मकान बन गए है, जिससे नदी का रुख बदल गया है ।
नदियों के संरक्षण को लेकर हाईकोर्ट गंभीर है. इसे देखते हुए जल संसाधन विभाग ने नदियों के सरंक्षण की योजना पर काम शुरू कर दिया है. सभी जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिया है. नदियों के कैचमेंट एरिया में अतिक्रमण कर निर्माण करने वालों को चिन्हित कर कार्रवाई करने को कहा है ।
उपायुक्तों से यह भी कहा गया है कि पुराने नक्शे के अनुसार नदियों के कैचमेंट एरिया की मापी कराएं । जहां-जहां अतिक्रमण है, चिन्हित कर उसे हटाएं. उन जगहों को आरसीसी पिलर के सहयोग से चिन्हित करें। आवश्यकता हो, दल-बल के साथ अतिक्रमण को बुल्डोजर से हटाएं ।