इटखोरी बाजार में फर्नीचर दुकान से एसीबी की निगरानी टीम ने दबोचा; मेढ़बंदी कार्य के लिए 26,000 रुपये की रिश्वत की मांग की थी
चतरा: भ्रष्टाचार के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने चतरा जिले के इटखोरी प्रखंड में एक और बड़ी कार्रवाई की है। इस बार एसीबी हजारीबाग की ट्रैप टीम ने इटखोरी प्रखंड के नवादा और धनखेरी पंचायतों के रोजगार सेवक उमेश कुमार को रंगे हाथ गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी इटखोरी-चौपारण मुख्यपथ पर स्थित इटखोरी बाजार के महाराजा फर्नीचर दुकान से हुई।
रोजगार सेवक उमेश कुमार ने इटखोरी प्रखंड के नरचाकला गांव के निवासी विनोद सिंह से मनरेगा योजना के तहत पूर्ण मेढ़बंदी कार्य के लिए डिमांड लगाने के नाम पर 5,000 रुपये रिश्वत मांगी थी। गिरफ्तारी के बाद एसीबी की टीम ने उमेश कुमार को अपने साथ हजारीबाग ले गई। एसीबी हजारीबाग के एसपी आरिफ इकराम ने बताया कि विनोद सिंह ने शिकायत की थी कि उनके परिवार के नाम पर गांव में मेढ़बंदी योजना स्वीकृत हुई थी और कार्य पूरा हो चुका था, लेकिन रोजगार सेवक उमेश कुमार ने डिमांड नहीं लगाया था। जब विनोद सिंह ने डिमांड लगाने की कोशिश की, तो रोजगार सेवक ने 26,000 रुपये रिश्वत मांगी।
विनोद सिंह ने रिश्वत देने से इनकार किया और इस पर एसीबी ने जांच शुरू की, जिसमें आरोप सही पाए गए। इसके बाद एसीबी की टीम ने उमेश कुमार को 5,000 रुपये की अग्रिम रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। एसपी ने बताया कि गिरफ्तार रोजगार सेवक चतरा सदर थाना क्षेत्र के चौर मोहल्ला का रहने वाला है। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी के सख्त कदम को दर्शाती है, जो सार्वजनिक कल्याण योजनाओं में घूसखोरी को रोकने के लिए निरंतर काम कर रहा है।