अपराध व सड़क दुर्घटना की बढ़ी संभावना,सड़क दुर्घटना में अब तक गंवा चुके है दर्जनों अपनी जान..?
राष्ट्रीय शान
चतरा । जिला मुख्यालय को हजारीबाग से जोड़ने वाली मुख्यपथ इन दिनों मांस-मदिरा का सेवन करने वालों का कुल्लू मोड़ पहला पसंद बनता जा रहा है। इतनी मुख्य जगह पर खुलेआम शराब और मांस का लुत्फ उठाया जा रहा है। स्थानीय पुलिस के नाक के नीचे खुलेआम न सिर्फ शराब बेचे जा रहे हैं, बल्कि यहां चखना के साथ मांस की भी मुकम्मल व्यवस्था है। जी हां ये बातें आपको पढ़ने और समझने में जरूर अटपटी लग रही होगी, लेकिन है सोलह आने सच है । हम बात कर रहे हैं चतरा-हजारीबाग व चतरा-चौपारण मुख्यपथ पर जिला मुख्यालय से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित कुल्लू मोड ईलाके की। यह ईलाका अचानक सुर्खियों में आया है। चर्चा का कारण जानेंगे तो आप भी हैरान रह जाएंगे। दरअसल यहां अचानक से मछली व अन्य सामान बिक्री की दर्जनों दुकानें खुल गई है। दुर्भाग्य की बात तो यह है कि यात्रियों के बीच मछली बिक्री के उद्देश्य से खोले गए इन दुकानों में मछली बिक्री से ज्यादा यहां नशेड़ियों के बीच चखना की आपूर्ति की जा रही है। साफ शब्दों में कहा जाय तो कुल्लू मोड़ ईलाका मांस-मदिरा सेवन करने वालो का सेफ जोन बन चुका है। जहां कच्चा मछली बिक्री के साथ-साथ दुकानदारों के द्वारा फ्राई फिश और अन्य चखना का भी भरपूर व्यवस्था किया जाता है। ईतना ही नहीं दुकानों के पिछे स्थित जंगल-झाड़ी में खुलेआम शराब की भी बिक्री की जा रही है। जहां शराबी पहले मछली खरीदते हैं, उसके बाद मौके पर ही फिश फ्राई बनाकर उसे चखना के रूप में इस्तेमाल कर दुकानों के पीछे झाड़ियां में संचालित मंडियों में शराब खरीद कर खुलेआम घंटों बैठक बाजी कर उसका सेवन करते रहते हैं। ऐसे में इन दुकानदारों और शराबियों के करतूतों के कारण ईलाके में सड़क दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ती जा रही है। इतना ही नहीं दर्जनों लोग दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा चुके हैं।
कुल्लू मोड ईलाके से होकर गुजरने वाले राहगीर नाम सार्वजनिक नहीं करने के शर्त पर बताया कि मछली दुकान के आड़ में यहां शराब का गोरखधंधा संचालित किया जा रहा है। इतना ही नहीं कई महिलाएं भी इन दुकानों के पीछे झाड़ियां में खुलेआम शराबियों और नशेड़ियों के बीच शराब परोसती हैं। जंगल का लाभ उठाकर कई बार जिस्मफरोशी के काले कारोबार के संचालन की भी शिकायत मिलती है। जिसकी शिकायत दर्जनों बार सदर थाना पुलिस से की गई। लेकिन पुलिस कार्रवाई के बजाय मौन व्रत धारण कर बैठी है। ऐसे में सदर थाना पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। लोग शिकायत के बावजूद कार्रवाई में कोताही बरतने को लेकर पुलिस पर सेटिंग-गेटिंग का संदेह व्यक्त कर रहे हैं। जिस तरह अचानक इस इलाके में मांस-मदिरा का सेवन बढ़ा है । अप्रिय घटना घटती संभावना बढ़ता जा रहा है ।
इधर जब सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी संदीप सुमन को परिस्थितियों से अवगत कराया गया तो उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई की बात कही है। कहा है कि मामले की जानकारी मीडिया के माध्यम से मिली है। जल्द ही शराबियों और नशेड़ियों को खदेड़ते हुए ईलाके में शांति और भयमुक्त वातावरण स्थापित करने की दिशा में पुलिस सकारात्मक पहल करेगी। अब देखना दिलचस्प होगा कि पुलिस मांस-मदिरा की बिक्री पर रोक लगा पाती है या बिक्री आगे भी जारी रहता है ?