भूमि का फर्जीवाड़ा कर दोहरी सत्यापन, वंशावली तैयार कर लाभ देने के मामले मे सीसीएल और अंचल कर्मियों की बढ़ी मुश्किलें
चतरा : राजस्व अभिलेखों में हेराफेरी, गलत साक्ष्य संलग्न कर वंशावली और भूमि का सत्यापन, सीसीएल के परियोजना में अवैध नियोजन और मुआवजों का अधिग्रहण कराने में टंडवा अंचल कार्यालय के सनसनीखेज कृत्यों का खुलासा हुआ है। इस मामले में अब अंचल कार्यालय के अधिकारी और उनके सहयोगी पूरी तरह से बेनकाब होने के कगार पर हैं।
जांच टीम का खुलासा : सिमरिया एसडीओ के नेतृत्व में गठित छह सदस्यीय जांच टीम ने इस मामले का पर्दाफाश किया है। जांच में पाया गया कि टंडवा अंचल कार्यालय के अधिकारियों और सीसीएल के कर्मियों की मिलीभगत से 22 लोगों को फर्जी तरीके से नौकरी और मुआवजा दिलवाया गया था। इस आधार पर जिला भू-अर्जन पदाधिकारी वैभव कुमार सिंह ने 248 पृष्ठों का साक्ष्य संलग्न कर स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
सीसीएल और अंचल कार्यालय की मिलीभगत से हुई धांधली
प्रस्तुत दस्तावेजों में कई चौंकाने वाले तथ्यों का खुलासा हुआ है, जिनमें सीसीएल पिपरवार और टंडवा अंचल कार्यालय की संदिग्ध भूमिकाओं का जिक्र है। उपायुक्त के निर्देश पर सिमरिया अनुमंडल पदाधिकारी की संयुक्त जांच रिपोर्ट को प्रमुख आधार मानते हुए यह खुलासा हुआ है। जांच में पता चला कि बाहरी व्यक्तियों को फर्जी वंशावली, लगान, हुकुमनामा और अवैध जमाबंदी सत्यापित कर नौकरी और मुआवजे का लाभ दिया गया था।
भूमि का फर्जीवाड़ा : पिपरवार थाना क्षेत्र के मौजा कनौदा में अनुसूचित जाति के परिवारों की 11.12 एकड़ भूमि को संगठित गिरोहों (भू-माफियाओं) द्वारा ओवरलेप (दोहरा सत्यापन) कराकर फर्जी तरीके से उनका कब्जा किया गया था।
भू-माफियाओं के तार गहरे : जांच रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि इस फर्जीवाड़े के पीछे एक संगठित गिरोह है, और अगर इस मामले की गहरी जांच की जाती है तो सीबीआई जांच के दौरान भूमि घोटाले और अवैध संपत्ति अर्जित करने के कई और बड़े खुलासे हो सकते हैं। फिलहाल, सरकारी भूमि अभिलेखों में छेड़छाड़ और धांधली को लेकर आम जनता में बड़ा अविश्वास बढ़ चुका है।
स्थानीय अधिकारी और कर्मचारियों की मिलीभगत से दस्तावेजों में छेड़छाड़ करने की खबरें आ रही हैं, और अब प्रभावित लोग वरीय अधिकारियों के पास जाकर अपनी शिकायतें दर्ज करवा रहे हैं। हाल ही में, प्रमंडलीय आयुक्त पवन कुमार के समक्ष सैंकड़ों भुक्तभोगियों ने आवेदन दिए हैं, जिनमें उन्होंने जांच और कार्रवाई की मांग की है।
उच्चस्तरीय जांच और कार्रवाई की मांग : भुक्तभोगियों का कहना है कि राजस्व विभाग में हेराफेरी और धांधली के कई सनसनीखेज मामले पहले भी सामने आ चुके हैं, जिसके बाद जिला प्रशासन ने रजिस्टर टू पंजी को जब्त कर लिया था। अब, प्रभावित लोग केंद्रीय एजेंसियों से जांच और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। सिसई निवासी अजय पांडेय ने आरोप लगाया है कि उनके मामले में वर्तमान अंचल अधिकारी ने प्रमंडलीय आयुक्त, उपायुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के न्यायादेश को बदल दिया, जिसके कारण उन्हें गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।