चतरा में एक्ट नियमों का पालन करवाने वाले अधिकारी ही एक्ट उलंघन करने का दे रखी है आजादी ।।

जान के दुश्मन बने नर्सिंग होम में ऑपरेशन करने वाले बिना डिग्री झोला छाप डॉक्टर , मानव हित में सरकार के द्वारा बनाये गए हेल्थ संबंधी एक्ट का चतरा में हो रहा खुलेआम उलंघन ।।

चतरा । चतरा जिला एक ऐसा जिला है जहां गलत कार्य करने वालों के विरुद्ध करवाई के बजाय संरक्षण देने का कार्य संबंधित अधिकारी की भूमिका अहम है । इस जिले में एक्ट नियमों का पालन करवाने वाले अधिकारी ही एक्ट उलंघन करने का आजादी दे दी है । तभी तो शहर में कुकुरमुत्ते की तरह खुले अवैध नर्सिंगहोम मरीजों की जान के दुश्मन बन गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों की लापरवाही और मिलीभगत से 300 सौ से अधिक नर्सिंगहोम संचालित हैं, जबकि 50 से भी कम ही अस्पताल स्वास्थ्य विभाग के बहीखाते में दर्ज हैं। हालांकि कागजों पर मानक पूरे कराकर 600 सौ लाइसेंस के लगभग क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट सर्टिफिकेट रेवड़ी की तरह बांट अधिकारी से लेकर कर्मी जेब गर्म करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा हैं। वही बिना डिग्री झोला छाप डॉक्टर के अधूरा ज्ञान का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ा है जिसमें आए दिन इलाज के दौरान मरीज जान गंवा रहे हैं।

मौत के बाद हंगामा, जांच और मामला शांत……

कुछ माह पहले आधा दर्जन मरीजों की मौत अलग अलग नर्सिंग होम में हो गया । जिसमें एक नाम शहर के न्यू पुलिस लाईन स्थित एम एस सेवा सदन का भी है । नर्सिंग होम में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी । परिजनों ने खूब हंगामा किया था। जांच भी शुरू हुई, लेकिन जब सम्बंधित अधिकारी मेहरबान हो जाए तो फिर किसका डर है। अधिकारी ऐसे मामलों में भी निजी नर्सिंग होम संचालक को लाभ पहुँचाने के लिये जांच रिपोर्ट को कपड़े की तरह बदलकर बचाया जिसके पश्चात मामला ठन्डे बस्ते में चला गया और स्थित सामान्य हो गई । अब एम एस सेवा सदन नर्सिंग होम कागजी मानकों पर संचालित है ।

विभाग की मेहरबानी , यूट्यूब डॉक्टर का अजब गजब कहानी ,

चतरा में एमबीबीएस बनकर यूट्यूब के सहारे निजी नर्सिंग होम में मरीजों की जान की परवाह किये बगैर , बेहतर ईलाज के नाम पर जान के साथ खिलवाड़ कर रहे है । ऐसा नहीं है कि विभाग इन बातों से अनजान है जब भी जिले के किसी भी प्रखण्ड में मामला बिगड़ता है या किसी मरीज की जान चली जाती है । स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी यानी सिविल सर्जन साहब का एक पत्र निर्गत त्वरित गति से सभी प्रभारी चिकित्सा प्रभारी के नाम से किया जाता है । उस पत्र में यह सख्त निर्देश दिया जाता है कि आपके क्षेत्र में अवैध नर्सिंग होम/क्लीनिक संचालित है टास्क फोर्स कमिटी के साथ सील की प्रक्रिया करते हुए संबंधित दोषी पर अग्रतर करवाई करें । ऐसा एक चिट्ठी नहीं बल्कि दर्जनों मिल जाएंगे पर इन चिट्ठियों को ठण्डे बस्ते में डालकर , अप्रत्यक्ष रूप से संरक्षण देते आ रहे है । क्योंकि सुविधा शुल्क का बड़ा कमाल है

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