हर तरफ गड़बड़झाला! चतरा स्वास्थ्य विभाग में दवा व उपकरण खरीद में भारी अनियमितता — नहीं मिल रहा हिसाब-किताब

मिशन डायरेक्टर पहुंचे चतरा — स्टोर में गड़बड़ी देख दिए कड़े निर्देश, तीन सदस्यीय जांच टीम गठित

चतरा : चतरा जिले के सदर अस्पताल में दवा और उपकरणों की खरीद-फरोख्त में बड़ा गड़बड़झाला उजागर हुआ है।
झारखंड स्वास्थ्य विभाग के मिशन डायरेक्टर शशि प्रकाश झा ने गुरुवार की देर शाम औचक निरीक्षण के दौरान स्टोर में कई अनियमितताओं और लापरवाहियों का खुलासा किया।

निरीक्षण के दौरान मिशन डायरेक्टर ने अस्पताल प्रबंधक सह स्टोर इंचार्ज प्रियरंजन नीरज से बीते तीन माह की अवधि में की गई दवा आपूर्ति, ऑर्डर और खर्च का पूरा ब्योरा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। उन्होंने स्टोर में दवा रखने की गुणवत्ता, रैक की स्थिति और एक्सपायर हो रही दवाओं पर भी गंभीर सवाल उठाए।

मिशन डायरेक्टर ने निरीक्षण के दौरान सहिया हेल्प डेस्क, डेंटल विभाग, आयुष्मान केंद्र, ममता वाहन कॉल सेंटर, ओपीडी, आईसीयू, दवा भंडार, जेनरल और इमरजेंसी वार्ड का भी जायजा लिया और सेवाओं में सुधार के लिए कई निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान सिविल सर्जन डॉ. जगदीश प्रसाद, डीएस डॉ. पंकज कुमार समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

एसआरएम टीम ने पकड़ी गड़बड़ी — दवा खरीद का नहीं मिल रहा हिसाब, रिपोर्ट से मचा हड़कंप

जानकारी के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 में सदर अस्पताल प्रबंधन द्वारा खरीदी गई दवा और उपकरणों का पूरा हिसाब-किताब गायब है। पिछले माह चतरा पहुँची स्टेट रिव्यू मॉनिटरिंग (SRM) टीम ने जब स्टोर की जांच की, तो गंभीर अनियमितताएँ सामने आईं। टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट विभाग को सौंपी, जिसके आधार पर ही मिशन डायरेक्टर स्वयं चतरा पहुंचे और मौके पर जांच की।

एसडीओ सन्नी राज ने गठित की जांच टीम — मैनेजर से मांगा स्पष्टीकरण, पर जवाब अबतक नहीं

गौरतलब है कि इस पूरे मामले में सिमरिया एसडीओ सह सदर अस्पताल के नोडल पदाधिकारी सन्नी राज ने पहले ही तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी थी। उन्होंने दवा खरीद और पंजी संधारण में गड़बड़ी पाए जाने के बाद पत्रांक 1473 (दिनांक 18-09-2025) के तहत अस्पताल प्रबंधक सह स्टोर इंचार्ज प्रियरंजन नीरज से तीन दिनों के भीतर जवाब मांगा था। लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी कोई जवाब नहीं दिया गया। इसके बाद उपाधीक्षक डॉ. पंकज कुमार ने मैनेजर का वेतन रोकते हुए स्टॉक पंजी का प्रतिवेदन मांगा है। अब मैनेजर ने जांच समिति से एक सप्ताह का समय मांगा है ताकि पंजी संधारण कर जवाब प्रस्तुत किया जा सके।

अस्पताल मैनेजर की भूमिका संदिग्ध — बनी जांच टीम

दवा और उपकरण खरीद में हुई गड़बड़ी के बाद अस्पताल मैनेजर सह स्टोर इंचार्ज प्रियरंजन नीरज की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए उपाधीक्षक डॉ. पंकज कुमार ने डॉ. आशीष कुमार, डॉ. सपना अग्रवाल और डॉ. अजहर की तीन सदस्यीय चिकित्सकीय जांच समिति गठित की है। यह टीम अब खरीद, भुगतान और स्टॉक रिकॉर्ड की जांच करेगी और दोषी पाए जाने पर विभागीय कार्रवाई की सिफारिश करेगी।

हर तरफ गड़बड़झाला — सवालों के घेरे में स्वास्थ्य व्यवस्था

इस पूरे मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि —
क्या चतरा की स्वास्थ्य व्यवस्था भ्रष्टाचार के शिकंजे में फँस चुकी है? दवा और उपकरण खरीद में मनमानी, हिसाब-किताब का गायब रहना, और अधिकारी-कर्मचारियों की उदासीनता ने जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ का मामला उजागर कर दिया है। अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि मिशन डायरेक्टर की जांच के बाद क्या वास्तविक कार्रवाई होगी या यह फाइल भी अन्य मामलों की तरह धूल फांकती रह जाएगी।

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