सम्मान से जी रहे लाखों अजन्मी बेटियों के भ्रूण हत्यारे
कुकुरमुत्ते की तरह इतना अवैध नर्सिंग होम कैसे संचालित है , मुझे भी समझ मे नहीं आ रहा : सिविल सर्जन जगदीश प्रसाद
राष्ट्रीय शान
चतरा । एक ओर जहां हॉस्पिटल व नर्सिंग होम को मंदिर और डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है। वहीं दूसरी ओर जब वही डॉक्टर शैतान का रूप धारण कर गर्भपात जैसा घिनौना कृत्य करने लगें। तो ये सवाल उठना बेहद लाजमी है की नगर में कुकुरमुत्ता की तरह उगे मानक विहीन नर्सिंग होमो में जहां एक ओर ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों का जमकर आर्थिक शोषण हो रहा है। वही वैद्य अवैद्य कार्यों को संपन्न कराकर संचालक अपनी जेब भर रहे हैं। इन नर्सिंग होम में अवैध गर्भपात से लेकर तमाम जायज नाजायज कार्य को अंजाम दिया जाता है। मरीजों के स्वास्थ्य के साथ भी खुलकर खिलवाड़ किया जाता है। हालांकि कुछ ग्रामीण चिकित्सक जो खांसी , बुखार , कैदस्त आदि बीमारियों में दवा के माध्यम से ईलाज करते है । उन्हें भगवान के रूप में गांव वाले पूजते है पर कुछ झोला छाप डॉक्टर ऐसे भी है जो अधिक पैसे कमाने के चक्कर मे यूट्यूब देखकर या डॉक्टरों के पास असिस्टेंट के रूप में काम करने वाले युवक बड़े बड़े ऑपरेशन कर दे रहे है । जिसमें कई मरीजों को अपनी जान गवानी पड़ी है ।
केंद्र व राज्य सरकार की ख्वाहिश है और देश का यह बुलंद नारा है – ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’। और धरातल की सच्चाई क्या है, देश के लोग उस नारे को, आह्वान को, कितनी गंभीरता से ले रहे हैं? संभवतः ऐसे ही हालात के मद्देनजर पीएम नरेंद्र मोदी ने ‘बेटी बचाओ’ मिशन को इतनी शिद्दत से अपने प्राथमिक दायित्वों में शामिल किया है । जिस भारतीय समाज में प्रतिदिन कन्याओं की जन्म से पहले ही भ्रूण हत्याएं कर दी जा रही हों, वहां के लोगों को इतना भयानक नरमेध विचलित क्यों नहीं कर रहा है?