सड़क सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन की कड़ी चेतावनी, नियमों के पालन का सख्त निर्देश ।।

एसडीएम शनि राज (आईएएस) की अध्यक्षता में हुई बैठक, सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम पर गहन मंथन ।।

कोल वाहनों के रफ्तार पर लगेगा अंकुश , जिला परिवहन पदाधिकारी ने 40 किमी प्रति घंटे की गति सीमा का पत्र जारी कर कड़ाई से पालन कराने का दिए निर्देश ।।

चतरा (संजीत मिश्रा)। टंडवा क्षेत्र में लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। अनुमंडल पदाधिकारी शनि राज (आईएएस) की अध्यक्षता में अनुमंडल स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में सड़क सुरक्षा मानकों, यातायात प्रबंधन, प्रदूषण नियंत्रण और सुरक्षित परिवहन व्यवस्था को लेकर व्यापक चर्चा की गई।

बैठक में जिला स्तरीय पदाधिकारी, सीसीएल, एनटीपीसी, नॉर्थ करणपूरा, चट्टी बारियातू, केरेडारी की परियोजनाओं के महाप्रबंधक, ट्रांसपोर्टर, अंचलाधिकारी और थाना प्रभारी उपस्थित रहे। सभी को सड़क सुरक्षा मानकों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।

प्रमुख बिंदु व निर्देश…..

1. पूर्व बैठक के निर्देशों की अनदेखी: एसडीएम ने बताया कि 5 अप्रैल को आयोजित पिछली बैठक में सड़क की सफाई, पानी छिड़काव और यातायात नियंत्रण के लिए परियोजनावार जिम्मेदारियाँ तय की गई थीं। परंतु अमल में गंभीर लापरवाही सामने आई है। उदाहरण स्वरूप, आम्रपाली गेट से ब्लॉक मोड़, एनटीपीसी गेट, चुंदरू धाम-तीनमुहाना चौक और साइडिंग क्षेत्रों में अभी भी कोयला धूल और गड्ढों की समस्या बनी हुई है।

2.निगरानी में शिथिलता: हालांकि परियोजनाएं सफाई और पानी छिड़काव करा रही हैं, पर इसकी समुचित निगरानी नहीं हो रही है। एसडीएम ने सभी परियोजना महाप्रबंधकों और ट्रांसपोर्टरों को निर्देश दिया कि पर्यवेक्षीय कर्मी अथवा पदाधिकारी को नोडल पदाधिकारी नामित करें, जो इन कार्यों की नियमित निगरानी करेगा। एक सप्ताह के भीतर इसकी सूचना अनुमंडल कार्यालय, जिला परिवहन पदाधिकारी एवं उपायुक्त कार्यालय को भेजने को कहा गया।

3. Fog Cannon व Sweeping मशीन का उपयोग अनिवार्य :
आम्रपाली परियोजना द्वारा Fog Cannon और रोड स्वीपिंग मशीन खरीदी जा चुकी है। अन्य परियोजनाओं में प्रक्रिया चल रही है। एसडीएम ने इन उपकरणों का पूर्ण उपयोग सुनिश्चित करने और उनमें GPS स्थापित कर निगरानी रिपोर्ट साझा करने का निर्देश दिया।

4. नो-एंट्री व ओवरस्पीडिंग पर चिंता : बैठक में बताया गया कि कई वाहन नो-एंट्री का उल्लंघन कर रहे हैं, बिना तिरपाल कोयला ढो रहे हैं, ओवरटेक कर रहे हैं और गति सीमा का पालन नहीं कर रहे। इस पर न तो ट्रांसपोर्टर नियंत्रण कर पा रहे हैं, न ही परियोजना प्रबंधन। एसडीएम ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि दोहराव जारी रहा, तो दोषी वाहनों को काली सूची में डालने एवं दंडित करने की कार्रवाई होगी।

5. गति नियंत्रण हेतु डिवाइस आवश्यक : जिला परिवहन पदाधिकारी इंदर कुमार ने बताया कि सभी भारी वाहनों में स्पीड मॉनिटरिंग डिवाइस लगाए जाने का निर्देश पहले ही दिया गया है, लेकिन अनुपालन नहीं हुआ। एसडीएम ने आदेश दिया कि सभी वाहन चालकों को यह डिवाइस लगवाना अनिवार्य है, और गति सीमा उल्लंघन पर कार्रवाई की जाएगी।

6 एक माह का प्रतिवेदन अनिवार्य :
सभी परियोजनाओं को निर्देशित किया गया कि वाहनों की गति सीमा के अनुपालन का एक माह का प्रतिवेदन निर्धारित प्रारूप में प्रस्तुत करें। इसके अलावा जिला प्रशासन ने सड़क सुरक्षा से संबंधित सभी योजनाओं को प्राथमिकता के साथ लागू करने की अपील की ।

कोल वाहनों की रफ्तार पर लगेगा अंकुश……

जिला परिवहन विभाग ने भी सड़क सुरक्षा को लेकर सख्ती बढ़ा दी है। 8 मई 2025 को जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा जारी ज्ञापन संख्या-250 के तहत कोयला लदे भारी वाहनों की अधिकतम गति सीमा 40 किमी प्रति घंटा निर्धारित की गई है। यह निर्देश सीसीएल, एनटीपीसी, आम्रपाली, अशोका और मगध परियोजनाओं को भेजा गया है।

स्कूल, बाजार और गांवों में हादसों की आशंका……

ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि भारी वाहन आबादी वाले क्षेत्रों—विद्यालय, बाजार, चौक-चौराहा और गांवों से तेज गति से गुजरते हैं, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। ऐसी स्थिति में चालक अक्सर सुरक्षा मानकों की अनदेखी करते हैं।

प्रशासन ने सभी परियोजनाओं और ट्रांसपोर्टरों को निर्देशित किया है कि वे 40 किमी प्रति घंटे की गति सीमा का कड़ाई से पालन कराएं और यह सुनिश्चित करें कि सभी वाहन सुरक्षा मानकों के अनुरूप संचालित हों।

सड़क सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह गंभीर है। एसडीएम ने स्पष्ट किया कि लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सभी परियोजनाओं और ट्रांसपोर्ट यूनियनों से नियमों के पूर्ण अनुपालन की अपील की गई है।

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