झारखंड राज्य फार्मेसी काउंसिल में निबंधक-सह-सचिव की अनियमित नियुक्ति का मामला उठा
रांची: झारखंड विधानसभा में बुधवार को भाजपा विधायक सरयू राय ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव रखा।
विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति मिलने के बाद सरयू राय ने संक्षिप्त वक्तव्य देते हुए कहा कि सदन में किसी प्रश्न का गलत और भ्रामक उत्तर देना न केवल विधानसभा की अवमानना है, बल्कि सभा-सदस्य के सही उत्तर जानने के अधिकार का भी हनन है।
अनियमित नियुक्ति का मामला
सरयू राय ने यह मामला झारखंड राज्य फार्मेसी काउंसिल में निबंधक-सह-सचिव की नियुक्ति में कथित अनियमितता को लेकर उठाया। उन्होंने अपने प्रश्न के कंडिका-2 में पूछा था कि किसी फार्मासिस्ट का पंजीयन केवल एक ही दुकान के लिए वैध होता है, लेकिन राज्य सरकार ने एक ऐसे व्यक्ति को फार्मेसी काउंसिल का सचिव-सह-निबंधक नियुक्त कर दिया है, जिसका पंजीयन एक से अधिक स्थानों पर है।
इस संदर्भ में सहायक निदेशक (औषधि), दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल द्वारा निदेशक (औषधि), राज्य औषधि नियंत्रण प्रयोगशाला, झारखंड को प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन से स्पष्ट हुआ कि संबंधित व्यक्ति का पंजीयन अलग-अलग स्थानों पर है। इसके अलावा, जांच के दौरान फार्मेसी काउंसिल ने आवश्यक सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराईं और जांच में सहयोग भी नहीं किया।
सरकार ने तथ्य छिपाए, मंत्री को किया गुमराह
सरयू राय ने कहा कि सरकार ने उनके प्रश्न के उत्तर में इस महत्वपूर्ण तथ्य को छिपाया कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री को गुमराह किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री ने सदन में गलत और भ्रामक उत्तर रखा, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इस नियुक्ति में अनियमितता को छिपाने की कोशिश की गई।
विधानसभा की अवमानना और विशेषाधिकार हनन का मामला
राय ने कहा कि विधानसभा में किसी सदस्य के प्रश्न का गलत उत्तर देना, सदन की अवमानना और विशेषाधिकार का हनन है। उन्होंने झारखंड विधानसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमावली के अनुच्छेद 186 के तहत विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव रखा। इसके बाद अनुच्छेद 187, 188 और 189 के अनुसार विधानसभा में इस प्रस्ताव को रखने और स्वीकृति देने की प्रक्रिया का उल्लेख किया गया।
विपक्ष ने किया प्रस्ताव का समर्थन, स्पीकर ने दिया आश्वासन
इस प्रस्ताव के समर्थन में भाजपा, जदयू, लोजपा और आजसू के सभी विधायक खड़े हो गए। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वे प्रस्ताव की समीक्षा करेंगे और विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले ने झारखंड की राजनीति में हलचल मचा दी है। अब देखना होगा कि स्पीकर इस प्रस्ताव पर क्या रुख अपनाते हैं और क्या राज्य सरकार इस मामले में कोई सफाई देती है या नहीं।